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Sunday, May 5, 2019

रिज़ल्ट का बारीकी से विश्लेषण करें छात्र



रिज़ल्ट का बारीकी से विश्लेषण करें छात्र 

सी॰बी॰एस॰ई॰ कक्षा 12वीं का परिणाम घोषित हो गया है | ज्यादातर बच्चों ने अच्छे अंक ला कर सफलता प्राप्त की | अब कॉलेज एडमिशन की दौड़ शुरू हो गयी है | सारे बच्चे जल्द से जल्द अच्छे कॉलेज में दाखिला लेना चाहेंगे | एन॰सी॰आर॰ के बच्चों की पहली पसंद दिल्ली यूनिवर्सिटी ही होती है | साल दर साल दिल्ली यूनिवर्सिटी की कट-ऑफ आसमान छूती जा रही है | नार्थ कैंपस के महाविद्यालयों में जगह पाना हर छात्र का सपना होता है | इसी दौड़ के चलते अक्सर बच्चे कोर्स चुनने में गलती कर देते हैं | छात्र अनुभव की कमी के कारण ज्यादातर उन कोर्सेज की तरफ़ चले जाते है जिनमें उनके दोस्त एडमिशन ले रहे होते हैं | 

बहुत ज़रूरत है कि छात्र अपने रिजल्ट का बारीकी से विश्लेषण करें एवं जिन विषयों में उनको अच्छी सफलता मिली है उन्हीं विषयों में आगे कि पढ़ाई करें | स्नातक में सही विषयों का चयन ही करियर में सफलता की कुंजी है | छात्र वोकेशनल कोर्सेज भी चुन सकते हैं | भारत सरकार की 'स्किल इंडिया' स्कीम के तहत हरियाणा कौशल यूनिवर्सिटी पलवल ऐसे कोर्सेज को बढ़ावा देती है तथा ये रोज़गार की गारंटी भी देती हैं | ऐसा अक्सर देखा जाता है की बच्चे स्नातक के बाद निराश हो जाते है तथा  बाद में सब्जेक्ट बदलते है; तब बहुत कष्ट होता है एवं मानसिक व आर्थिक व्यय भी उठाना पड़ता है | दिल्ली यूनिवर्सिटी के अलावा भी बहुत से अच्छे विश्वविद्यालय है जिनमें उत्कृष्ट कोर्सेज उपलब्ध हैं जैसे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय रोहतक, गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय हिसार, पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़, इन्द्रप्रथ यूनिवर्सिटी, जामिआ मिलिया यूनिवर्सिटी दिल्ली आदि | एन॰सी॰आर॰  में  बहुत सी डीम्ड यूनिवर्सिटी भी हैं जिनमें बहुत से अच्छे कोर्सेज चल रहे हैं |  जिन विषयों में अच्छे अंक नहीं आये, जो विषय कठिन लगते थे, अथवा जिन विषयों में इंटरेस्ट नहीं था उन्हें बच्चे आगे ले कर ना चलें | ऐसे विषय चुने जिनमें रूचि हो, ऐसा करने पर पढ़ाई सरल एवं आनंदायक होगी | 

कला संकाय के कोर्सेज में बहुत स्कोप है | छात्र नवीन एवं विविध आयामों वाले विषय चुने जैसे मनोविज्ञान, मॉस कम्युनिकेशन (जर्नलिज्म) एवं समाज-शास्त्र | बी.ए. इंग्लिश ऑनर्स जैसे कोर्सेज बहुआयामी हैं, इसके बाद पोस्ट-ग्रेजुएशन में बहुत से विषय चुनने की छूट मिल जाती है एवं नौकरी मिलने के आसार कई गुणा बढ़ जाते हैं | 

जिन विद्यार्थियों की कम्पार्टमेंट आयी है, वो निराश न हों | सी.बी.एस.ई. ऐसे विद्यार्थियों को दूसरा मौका देती है | कम्पार्टमेंट की परीक्षा जुलाई में होगी | छात्र इन दिनों को व्यर्थ न करें एवं अपनी गलतियों को सुधारते हुए मेहनत करें | एक सकारात्मक सोच के साथ आगे बढें व अपना साल ख़राब ना होने दें | यूनिवर्सिटी में एडमिशन अगस्त तक चलते हैं, इन बच्चों को भी दाखिला लेने में कोई परेशानी नहीं होगी | फेल विद्यार्थी ओपन स्कूल के माध्यम से अब भी अपनी बारहवीं कर सकते हैं |  ऐसा प्रायः देखा गया है कि जो बच्चे किन्हीं कारणों से पढाई में ज्यादा अच्छा नहीं कर सके, वे भी अपनी रूचि के अनुरूप अगर कार्य करें तो भविष्य में सफलता उनके कदम चूम लेती है |  

- जगदीप सिंह मोर, शिक्षाविद 

महेन्द्र चौहान कर सकते हैं बड़ा फेरबदल


महेन्द्र चौहान कर सकते हैं बड़ा फेरबदल 

आम चुनाव 2019 महासमर अपने चरम पर है। हरियाणा राज्य में मतदान 12 मई को होगा, जो अब कुछ दिन ही दूर है। ऐसे में हर उम्मीदवार अपना चुनावी दम-ख़म दिखाने में संलग्न है। फ़रीदाबाद लोक-सभा में बड़े दिग्गज अपना भाग्य आज़मा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी से वर्तमान सांसद श्री कृष्णपाल गुर्जर उम्मीदवार हैं। कांग्रेस पार्टी के इतिहास में इस बार का फ़रीदाबाद लोकसभा का चुनाव सालों तक याद रखा जाएगा, पार्टी ने श्री ललित नागर को पहले अपना उम्मीदवार बनाया फिर बाद में उनका टिकट काट पूर्व सांसद श्री अवतार भड़ाना को उम्मीदवार बनाया। इंडियन नेशनल लोकदल से श्री महेन्द्र सिंह चौहान उम्मीदवार हैं वहीं आम आदमी पार्टी व जननायक जनता पार्टी गठबंधन से श्री नवीन जयहिंद उम्मीदवार हैं। फ़रीदाबाद लोक सभा क्षेत्र में लगभग 900 ग्राम हैं, इन दो हफ़्तों में सभी उम्मीदवारों के सामने यह चुनौती ज़रूर बनी रहेगी कि इन ग्रामों का दौरा किस प्रकार किया जाए साथ ही शहरी क्षेत्रों का सफ़र भी पूरा करना होगा।    
                                                     
भा॰जा॰पा॰ एवं कांग्रेस में मुक़ाबला बराबरी का ही लग रहा है, क्यूँकि दोनों बड़ी पार्टियों के उम्मीदवार गुर्जर समुदाय से हैं, इसलिए मतदाता भी असमंजस में हैं और वोट बटना स्वाभाविक है। फ़रीदाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में पलवल जिले की एक अहम भूमिका है। पलवल जिले के वोटर को लुभाना इन सभी उम्मीदवारों के गले की हड्डी बना हुआ है। सांसद श्री कृष्णपाल गुर्जर से इस बार कुछ मतदाता ख़फ़ा भी हैं, तो उनको एंटी-इनकमबैंसी का सामना भी करना पड़ सकता है। टिकट वितरण के दौरान गुर्जर के विरोध में जगह-जगह पोस्टर भी लगाए गए थे। वहीं पलवल निवासी गुर्जर से कुछ ज़्यादा ख़ुश नहीं हैं, क्यूँकि इस क्षेत्र की हमेशा उपेक्षा ही की गयी है।  

वहीं कांग्रेस के अवतार भड़ाना के लिए भी इस बार चुनावी डगर मुश्किलों भारी है। एक तरफ़ तो ललित नागर की टिकट कटने से जहाँ नागर पक्ष के समर्थक ख़फ़ा हैं वहीं भड़ाना का अब पुराना जनआधार भी नदारत है। ये दोनों नेता एक ही समुदाय से हैं जिसका असर दोनों के वोट बैंक पर पड़ेगा। आप-जजपा गठबंधन का फ़रीदाबाद में ज़्यादा जन-आधार दिखाई नहीं दे रहा है, इसी कारण श्री नवीन जयहिंद के लिय लोकसभा चुनाव का सफ़र सरल नहीं होगा।  

परंतु इंडियन नेशनल लोकदल ने इस चुनाव में पलवल निवासी श्री महेन्द्र सिंह चौहान को अपना  उम्मीदवार घोषित कर चुनाव को रोमांचक बना दिया है। जहाँ एक ओर चौहान मूलतः पलवल निवासी हैं, वहीं वे एक किसान परिवार से आते हैं, जिस कारण उनका ज़मीन पर लोगों से जुड़ाव साफ़ दिखाई देता है। गाँव-गाँव महेन्द्र चौहान को सुनने वालों का जमावड़ा नज़र आता है एवं ग्रामीण समुदाय में चौहान की अच्छी पकड़ नज़र आ रही है। महेन्द्र चौहान अपना पहला चुनाव लड़ रहे हैं, जिस कारण उनकी ऊर्जा दूसरे उम्मीदवारों से ज़्यादा दिखाई पड़ती है। जहाँ एक ओर भा॰जा॰पा॰ प्रत्याशी मोदी लहर में मदाँध दिखाई पड़ते हैं वहीं दूसरी ओर कोंग्रेस के पास प्रधानमंत्री को गाली देने के सिवाय कोई मुद्दा नहीं हैं। इसका फ़ायेदा भी इ॰ने॰लो॰ के पक्ष में ही जाता प्रतीत हो रहा है। ऐसे में लग रहा है कि महेन्द्र चौहान फ़रीदाबाद लोकसभा में बड़ा फेरबदल कर सकते हैं। 

चौहान एक ईमानदार छवि वाले कर्मठ नेता हैं। वे पिछले दो दशकों से सक्रिय राजनीति में शामिल हैं। इ॰ने॰लो॰ पार्टी के वफ़ादारों में चौहान का क़द शीर्षतम है। पार्टी के बुरे दौर में भी इन्होंने साथ नहीं छोड़ा। नयी बनी ज़॰ज़॰पा॰ ने भरपूर कोशिश करी कि वे उसमें शामिल हो जाए परंतु उन्होंने श्री ओम् प्रकाश चौटाला का साथ छोड़ने से इंकार कर दिया। 

जहाँ भा॰जा॰पा॰ एवं कांग्रेस के उम्मीदवार गुर्जर समाज से हैं वहीं इ॰ने॰लो॰ प्रत्याशी जाट नेता हैं। चौहान भी इस बात को भली भाँति समझ रहे हैं एवं जाट वोट बैंक को एकत्रित करने में एढ़ि-चोटी का ज़ोर लगाए हुए हैं। फ़रीदाबाद लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र में जाट समुदाय एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, अगर जाट वोटर एक हो जाए तो चौहान की जीत संभव लगती है। चौहान खेमे के लोगों ने इस बात पर हर्ष ज़ाहिर किया कि यह पहली बार हुआ है कि फ़रीदाबाद लोकसभा के लिय किसी पलवल निवासी को टिकट मिली है, यह पलवल क्षेत्र के लिय बहुत गर्व की बात है। आजतक या तो किसी फ़रीदाबाद निवासी या फिर पैराशूट से उतारे गए उम्मीदवार ही यहाँ से मैदान में लड़े हैं। इतिहास गवाह है कि पलवल क्षेत्र की हमेशा उपेक्षा हुई है, परंतु इस बार चौहान को टिकट मिलने की वजह से पलवल निवासियों में उम्मीद की लौ जगी है। किसी भी बनावट के बिना साधारण व्यक्तित्व वाले महेन्द्र चौहान लोगों को अपने से लग रहे हैं एवं जनसाधारण में भरोसा क़ायम कर पाने में सफल प्रतीत हो रहे हैं।      

चौहान का कहना है कि यह टिकट उन्हें नहीं मिली है परंतु पूरी पाल को मिली है। वे कहते हैं कि अगर उनकी जीत हुई तो वे पलवल जिले को उसका पूर्ण सम्मान दिलाएँगे जिसका यह क्षेत्र हक़दार है। श्री चौहान कहते हैं कि उनके प्रमुख मुद्दे हैं युवाओं को रोज़गार दिलाना, बुज़ुर्गों को बुढ़ापा पेन्शन एवं महिलाओं का सशक्तिकरण। कृषि से जुड़े महेन्द्र चौहान कृषि को बढ़ावा देना चाहते हैं। गाँव के हर बुज़ुर्ग एवं युवा को अपना स्टार प्रचारक बताने वाले चौहान कहते हैं कि मैं लोगों के बीच से उठने वाला नेता हूँ एवं ताउम्र लोगों के बीच ही रहूँगा।  
        
चौहान के व्यक्तित्व के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं कि वे हिंदी भाषा में स्नातक हैं एवं रामचरितमानस की अनेकों चौपाइयाँ तथा भागवतगीता के श्लोक उनको कंठस्थ हैं। श्री चौहान कबीरदास जी से बहुत प्रेरित हैं एवं उनके दिखाए हुए मार्ग पर ही हमेशा आगे बढ़ते हैं, कबीर के अनेकों दोहे उन्हें याद हैं। इसके इलवा उनको पशुओं से अत्यंत प्रेम है एवं प्रतिदिन गौ-सेवा में अपना समय ज़रूर देते हैं। ऐसे में अगर महेन्द्र चौहान फ़रीदाबाद से सांसद बनने में सफल हुए तो यह पलवल जिले के लिए अत्यंत गर्व का विषय होगा। एक ओर जहाँ इस क्षेत्र को देश की संसद में प्रतिनिधित्व मिलेगा वहीं दूसरी ओर एक ईमानदार, कर्मठ, जूझारू, पढ़ा-लिखा, ज़मीन से जुड़ा नेतृत्व भी प्राप्त होगा। यह पूरे फ़रीदाबाद लोकसभा क्षेत्र एवं सम्पूर्ण दक्षिण हरियाणा के लिए सकारात्मक पहल होगी। 

-    जगदीप सिंह मोर, शिक्षाविद