'Scrapbook of my Thoughts' is a platform to share my views on things happening around me. I try to express my ideas, opinions, feelings and emotions candidly. All my creations are purely for my happiness and fulfilment. Read, enjoy and move on. Share if you like!

Thursday, April 18, 2019

फ़रीदाबाद लोकसभाचुनाव हुआ रोमांचक


फ़रीदाबाद लोकसभाचुनाव हुआ रोमांचक

आम चुनाव 2019 महाकुम्भ आरम्भ हो चुका है। हरियाणा राज्य में मतदान की तारीख़ 12 मई निर्धारित की गयी है। चुनावों में अब सिर्फ़ एक महीने से भी कम का समय रह गया है। मतदान की तारीख़ से 48 घंटे पहले आचार संहिता लागू हो जाएगी, जिससे यह साफ़ है कि हर उम्मीदवार को अपना चुनावी जौहर दिखाने के लिय सिर्फ़ 22 दिन शेष हैं। फ़रीदाबाद लोक-सभा निर्वाचन क्षेत्र अपने आप में बहुत बड़ा क्षेत्रफल एवं जनसंख्या समाए हुए है। इसमें नौ विधान-सभाओं - हथीन, होडल, पलवल, पृथला, फ़रीदाबाद-एन॰आई॰टी॰, बढ़कल, बल्लभगढ़, फ़रीदाबाद एवं तिगाओं का समावेश है। फ़रीदाबाद लोक-सभा निर्वाचन क्षेत्र जिसमें दो जिले फ़रीदाबाद (जनसंख्या 15 लाख) एवं पलवल (जनसंख्या 11 लाख) का मिश्रण है। दिल्ली एन॰सी॰आर॰ क्षेत्र में आने के कारण यहाँ का चुनाव और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।                     

जहाँ एक ओर भारतीय जनता पार्टी ने वर्तमान सांसद श्री कृष्णपाल गुर्जर को ही दोबारा अपना उम्मीदवार बनाया है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने श्री ललित नागर पर अपना दाव लगाया है। अब मुक़ाबला बराबरी का ही लग रहा था क्यूँकि दोनों बड़ी पार्टियों के उम्मीदवार गुर्जर समुदाय से हैं, इसलिए मतदाता भी असमंजस में थे और वोट बटना स्वाभाविक था। सांसद श्री कृष्णपाल गुर्जर से इस बार कुछ मतदाता ख़फ़ा भी हैं तो उनको एंटी-इनकमबैंसी का सामना भी करना पड़ सकता है। टिकट वितरण के दौरान गुर्जर के विरोध में जगह-जगह पोस्टर भी लगाए गए थे। श्री ललित नागर का अभी तक जन-मानस में बाहुल्य आधार स्थापित हुआ है इसका भी कोई उदाहरण नहीं है। वहीं दोनों नेता एक ही समुदाय से हैं जिसका असर दोनों के वोट बैंक पर पड़ेगा। फ़रीदाबाद लोक-सभा का इतिहास भी कुछ ऐसा ही दर्शाता है, 1977 में पहली बार गुरुग्राम लोक सभा से अलग हुए नवीन फ़रीदाबाद लोक सभा क्षेत्र में इलेक्शन हुआ, तब से अब तक या तो कांग्रेस या फिर भा॰जा॰पा॰ ने ही इस पर क़ब्ज़ा जमाया है। 

परंतु इंडियन नैशनल लोकदल ने इस चुनाव में अपने उम्मेदवार की घोषणा कर चुनाव को रोमांचक बना दिया। इ॰ने॰लो॰ ने इस बार पलवल निवासी श्री महेन्द्र सिंह चौहान को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। श्री चौहान एक साफ़ छवि वाले कर्मठ नेता हैं। वे पिछले दो दशकों से राजनीति में सक्रिय हैं। इ॰ने॰लो॰ पार्टी के वफ़ादारों में चौहान का क़द शीर्षतम है। पार्टी के बुरे दौर में भी इन्होंने साथ नहीं छोड़ा। नयी बनी ज़॰ज़॰पा॰ ने भरपूर कोशिश करी कि वे उसमें शामिल हो जाए परंतु उन्होंने श्री ओम् प्रकाश चौटाला का साथ छोड़ने से इंकार कर दिया। महेन्द्र चौहान ने कभी भी टिकट की उम्मीदवारी के लिय ताल नहीं ठोकी। हमेशा कहा कि, ‘चौटाला साहब का आदेश सर आँखों पर’। अब पार्टी ने उनको बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपी है, देखना होगा कि वे इसमें कितना सफल होते हैं?

जहाँ भा॰जा॰पा॰ एवं कांग्रेस के उम्मीदवार गुर्जर समाज से हैं वहीं इ॰ने॰लो॰ प्रत्याशी जाट नेता हैं। अगर जाट वोट बैंक एकत्रित हो जाए तो चौहान की जीत संभव लगती है। चौहान खेमे के लोगों ने इस बात पर हर्ष ज़ाहिर किया कि यह पहली बार हुआ है कि फ़रीदाबाद लोक सभा के लिय किसी पलवल निवासी को टिकट मिली है, यह पलवल क्षेत्र के लिय बहुत गर्व की बात है। आज तक या तो किसी फ़रीदाबाद निवासी या फिर पैराशूट से उतारे गए उम्मीदवार ही यहाँ से मैदान में लड़े हैं। ज़॰ज़॰पा॰ – आ॰प॰ गठबंधन के चलते फ़रीदाबाद लोकसभा आम आदमी पार्टी के हिस्से आयी है, हालाँकि अभी तक पार्टी ने अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है, परंतु अटकलों का बाज़ार गरम है कि सन 2009 के सांसद श्री अवतार भड़ाना टिकट की दौड़ में अव्वल चल रहे हैं। अगर भड़ाना को टिकट मिलती है तो यह भी महेन्द्र चौहान के लिय सुअवसर ही साबित होगा, क्यूँकि भड़ाना भी गुर्जर नेता हैं और गुर्जर वोट बैंक में वे भी सेंध ज़रूर लगाएँगे। 

जहाँ इ॰ने॰लो॰ - ज़॰ज़॰पा॰ के विक्षेपण से प्रदेश के पूरे जाट समाज को झटका लगा है, वहीं प्रदेश में अब कोई भी क़द्दावर जाट नेता नहीं है। श्री ओम् प्रकाश चौटाला के गिरते स्वास्थ एवं ढलती उम्र के चलते पार्टी को बहुत नुक़सान झेलना पड़ा है। उनके बाद कोई उनके पदचिह्न भर पाएगा इसकी भी संभावना कम ही है। श्री बीरेंद्र चौधरी कभी भी सम्पूर्ण प्रदेश में अपनी पकड़ नहीं बना पाए, वहीं पूर्व मुख्य मंत्री भूपेन्देर सिंह हुडा भी कुछ कमज़ोर पड़े हैं। वैसे भी राजनीति में दक्षिणी हरियाणा की सदा अवहेलना ही हुई है, यह क्षेत्र कभी भी प्रदेश स्तर का नेता देने में विफल ही रहा है।       

फ़रीदाबाद लोक सभा क्षेत्र में लगभग 900 ग्राम हैं, इन 22 दिनों में सभी उम्मीदवारों के सामने यह चुनौती ज़रूर बनी रहेगी कि इन ग्रामों का दौरा किस प्रकार किया जाए साथ ही शहरी क्षेत्रों का सफ़र भी पूरा करना होगा।    
                                                 
ऐसे में अगर महेन्द्र चौहान फ़रीदाबाद से सांसद बनने में सफल हुए तो यह पलवल जिले के लिए अत्यंत गर्व का विषय होगा। एक ओर जहाँ इस क्षेत्र को देश की संसद में प्रतिनिधित्व मिलेगा वहीं दूसरी ओर एक साफ़ छवि का बिना दाग़दार, कर्मठ, जूझारू, पढ़ा-लिखा नेतृत्व भी प्राप्त होगा। यह पूरे फ़रीदाबाद लोकसभा क्षेत्र एवं सम्पूर्ण दक्षिण हरियाणा के लिए सकारात्मक पहल होगी।

-    जगदीप सिंह मोर, शिक्षाविद    

समय का लाभ उठाए छात्र



                                  समय का लाभ उठाए छात्र - मोर

सी॰बी॰एस॰ई॰ एवं हरियाणा बोर्ड की कक्षा दसवीं एवं बारहवीं की परीक्षा लगभग समाप्त हो चुकीं हैं। अब तो छात्रों को परीक्षा परिणाम का बेसब्री से इंतज़ार है। इस बार चुनावों को मद्देनज़र रखते हुए परिणामों के जल्दी ही आने की सम्भावना है। जहाँ कक्षा दसवीं के छात्रों के सामने ग्यारहवीं में किन विषयों का चयन करना है, वहीं कक्षा बारहवीं के छात्रों के सामने देश के प्रतिष्ठित महाविद्यालयों में दाख़िला पाने की चुनौती होगी। छात्रों के लिए यह दो महीने बहुत महत्वपूर्ण हैं, वे इन दिनों को बेकार ना गवाएँ, वरन अपने व्यक्तित्व सुधार में इन दिनों का सदुपयोग करें।

कक्षा बारहवीं के ज़्यादातर छात्र अपने द्वारा चुने गए संकायों के आधार पर ही स्नातक में दाख़िला पाएँगे। ज़्यादातर विश्वविद्यालयों के दाख़िले के फ़ॉर्म इसी दौरान निकलते हैं, छात्र ऐसे में सतर्क रहें और रोज़ अख़बार पढ़े। विज्ञान संकाय वाले जो विद्यार्थी, अप्रैल व मई में एंट्रन्स टेस्ट देंगे वे कक्षा ग्यारहवीं के पाठ्यक्रम को अवश्य दोहरा लें क्योंकि एंजिनीरिंग एवं मेडिकल दोनों में कक्षा ग्यारहवीं के पाठ्यक्रम से आधा प्रशपत्र आता है। कामर्स संकाय वाले विद्यार्थी इन साठ दिनों में सी॰ए॰-सी॰पी॰टी॰ परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं। ये विद्यार्थी इन दिनों में टैली सॉफ़्ट्वेर भी सीख सकते हैं जो आगे जाके इनके बहुत काम आएगा। आर्ट्स संकाय के विद्यार्थी जर्नलिज़म में अपना भविष्य बना सकते हैं। इसके लिए आई॰आई॰एम॰सी॰ सबसे बेहतरीन संस्थान है। याद रहे इस संस्थान के एंट्रन्स टेस्ट में सामान्य ज्ञान भरपूर मात्रा में पूछा जाता है। वहीं वकालत भी एक अच्छा पेशा है, बी॰ए॰एल॰एल॰बी॰ के एंट्रन्स टेस्ट में भी सामान्य ज्ञान एवं अंग्रेज़ी भाषा के प्रश पूछे जाते हैं। छात्र इन दिनों में कम्प्यूटर कोर्सेज़ भी कर सकते हैं, हर छात्र को बुनियादी कम्प्यूटर ज्ञान होना चाहिए यह समय की माँग है। सभी छात्र इस दौरान अपनी अंग्रेज़ी सुधारने का पूर्ण प्रयतन करें, सभी प्रकार के साक्षात्कार में अच्छी अंग्रेज़ी भाषा का ज्ञान आपको तिक्षणता प्रदान करेगा। छात्र पर्सनालिटी डिवेलप्मेंट कोर्सेज़ का भी फ़ाएदा उठा सकते हैं। 

सभी विद्यालयों में कक्षा ग्यारहवीं की पढ़ाई भी अप्रैल माह में शुरू हो जाती है। कक्षा दसवीं के विद्यार्थी अपने विषयों का चुनाव सही से करें। जल्दबाज़ी में कोई फ़ैसला ना लें। दोस्तों एवं अभिवावकों के दबाव में ना आएँ। छात्र कौशल आधारित विषय भी चयन कर सकते हैं। जो विद्यार्थी अपने विषय का सही चुनाव नहीं कर पा रहे हैं, वे सी॰बी॰एस॰ई॰ एवं एन॰सी॰ई॰आर॰टी॰ की वेबसाईट पर दिय गए ऐप्टिटूड टेस्ट का लाभ ले सकते हैं। इसके द्वारा उन्हें अपने ऐप्टिटूड का पता लगाने में मदद मिलेगी। ग़ौरतलब रहे, कक्षा ग्यारहवीं में चुने गए ग़लत विषय ज़िंदगी भर आपको परेशान कर सकते हैं। 

अंत: छात्र इन दिनों को व्यर्थ ना गवाएँ एवं अपने व्यक्तित्व सुधार में इसको लगाएँ।

जगदीप सिंह मोर, शिक्षाविद