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श्रद्धा का महासावन - दैनिक जागरण - 20/07/2019

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श्रवण मास वर्ष का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। संतजन कहते हैं की सावन महीना और भोलेनाथ का संगम उसी तरह है जैसे जल में शीतलता, अग्नि में दाहकता, सूर्य में ताप, चंद्रमा में शीतलता, पुष्प में गंध एवं दुग्ध में घृत। श्रवण मास में सर्वत्र शिवमय हो जाता है, शिव ही परम सत्य हैं, शिव ही अदियोगि हैं एवं शिव ही महादेव हैं। वेदव्यास जी ने स्वयं कहा की - ‘हे प्रभो! आप कानों के बिना सुनते हैं, नाक के बिना सूँघते हैं, बिना पैर के दूर से आते हैं, बिना आँख के देखते हैं और बिना जिव्हा के रस ग्रहण करते हैं, अंत: आपको भलीभाँति कौन जान सकता है?’  गत वर्षों में शिव भक्ति में भारी इज़ाफ़ा देखने को मिला है, इसकी वजह कहीं हद तक सोशल मीडिया एवं ख़ूब प्रचलित होते फ़िल्मी गाने भी हैं। कुछ लोग ख़ुद को शिवभक्त बताते हैं वहीं कुछ लोग ख़ुद को 'भोले की सेना' कहते फूले नहीं समाते। शिव भक्ति का आलम यह है कि इस वर्ष सारे रिकार्ड तोड़ते हुए आठ लाख से भी ज़्यादा श्रधालु केदार नाथ धाम पहुँच गए एवं अमरनाथ यात्रा में भी भारी भीड़ देखने को मिल रही है। जहाँ एक ओर  सदगुरु जग्गी वासुदेव ने  कोयंबटूर  ...

रिज़ल्ट का बारीकी से विश्लेषण करें छात्र

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रिज़ल्ट का बारीकी से विश्लेषण करें छात्र  सी॰बी॰एस॰ई॰ कक्षा 12वीं का परिणाम घोषित हो गया है | ज्यादातर बच्चों ने अच्छे अंक ला कर सफलता प्राप्त की | अब कॉलेज एडमिशन की दौड़ शुरू हो गयी है | सारे बच्चे जल्द से जल्द अच्छे कॉलेज में दाखिला लेना चाहेंगे | एन॰सी॰आर॰ के बच्चों की पहली पसंद दिल्ली यूनिवर्सिटी ही होती है | साल दर साल दिल्ली यूनिवर्सिटी की कट-ऑफ आसमान छूती जा रही है | नार्थ कैंपस के महाविद्यालयों में जगह पाना हर छात्र का सपना होता है | इसी दौड़ के चलते अक्सर बच्चे कोर्स चुनने में गलती कर देते हैं | छात्र अनुभव की कमी के कारण ज्यादातर उन कोर्सेज की तरफ़ चले जाते है जिनमें उनके दोस्त एडमिशन ले रहे होते हैं |  बहुत ज़रूरत है कि छात्र अपने रिजल्ट का बारीकी से विश्लेषण करें एवं जिन विषयों में उनको अच्छी सफलता मिली है उन्हीं विषयों में आगे कि पढ़ाई करें | स्नातक में सही विषयों का चयन ही करियर में सफलता की कुंजी है | छात्र वोकेशनल कोर्सेज भी चुन सकते हैं | भारत सरकार की 'स्किल इंडिया' स्कीम के तहत हरियाणा कौशल यूनिवर्सिटी पलवल ऐसे कोर...

महेन्द्र चौहान कर सकते हैं बड़ा फेरबदल

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महेन्द्र चौहान कर सकते हैं बड़ा फेरबदल  आम चुनाव  2019  महासमर अपने चरम पर है। हरियाणा राज्य में मतदान  12  मई को होगा, जो अब कुछ दिन ही दूर है। ऐसे में हर उम्मीदवार अपना चुनावी दम-ख़म दिखाने में संलग्न है। फ़रीदाबाद लोक-सभा में बड़े दिग्गज अपना भाग्य आज़मा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी से वर्तमान सांसद श्री कृष्णपाल गुर्जर उम्मीदवार हैं। कांग्रेस पार्टी के इतिहास में इस बार का फ़रीदाबाद लोकसभा का चुनाव सालों तक याद रखा जाएगा, पार्टी ने श्री ललित नागर को पहले अपना उम्मीदवार बनाया फिर बाद में उनका टिकट काट पूर्व सांसद श्री अवतार भड़ाना को उम्मीदवार बनाया। इंडियन नेशनल लोकदल से श्री महेन्द्र सिंह चौहान उम्मीदवार हैं वहीं आम आदमी पार्टी व जननायक जनता पार्टी गठबंधन से श्री नवीन जयहिंद उम्मीदवार हैं। फ़रीदाबाद लोक सभा क्षेत्र में लगभग  900  ग्राम हैं, इन दो हफ़्तों में सभी उम्मीदवारों के सामने यह चुनौती ज़रूर बनी रहेगी कि इन ग्रामों का दौरा किस प्रकार किया जाए साथ ही शहरी क्षेत्रों का सफ़र भी पूरा करना होगा।       ...

फ़रीदाबाद लोकसभाचुनाव हुआ रोमांचक

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फ़रीदाबाद लोकसभा चुनाव हुआ रोमांचक आम चुनाव  2019  महाकुम्भ आरम्भ हो चुका है। हरियाणा राज्य में मतदान की तारीख़  12  मई निर्धारित की गयी है। चुनावों में अब सिर्फ़ एक महीने से भी कम का समय रह गया है। मतदान की तारीख़ से  48  घंटे पहले आचार संहिता लागू हो जाएगी, जिससे यह साफ़ है कि हर उम्मीदवार को अपना चुनावी जौहर दिखाने के लिय सिर्फ़  22  दिन शेष हैं। फ़रीदाबाद लोक-सभा निर्वाचन क्षेत्र अपने आप में बहुत बड़ा क्षेत्रफल एवं जनसंख्या समाए हुए है। इसमें नौ विधान-सभाओं - हथीन, होडल, पलवल, पृथला, फ़रीदाबाद-एन॰आई॰टी॰, बढ़कल, बल्लभगढ़, फ़रीदाबाद एवं तिगाओं का समावेश है। फ़रीदाबाद लोक-सभा निर्वाचन क्षेत्र जिसमें दो जिले फ़रीदाबाद (जनसंख्या  15  लाख) एवं पलवल (जनसंख्या  11  लाख) का मिश्रण है। दिल्ली एन॰सी॰आर॰ क्षेत्र में आने के कारण यहाँ का चुनाव और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।                      जहाँ एक ओर भारतीय जनता पार्...

समय का लाभ उठाए छात्र

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                                  समय का लाभ उठाए छात्र - मोर सी॰बी॰एस॰ई॰ एवं हरियाणा बोर्ड की कक्षा दसवीं एवं बारहवीं की परीक्षा लगभग समाप्त हो चुकीं हैं। अब तो छात्रों को परीक्षा परिणाम का बेसब्री से इंतज़ार है। इस बार चुनावों को मद्देनज़र रखते हुए परिणामों के जल्दी ही आने की सम्भावना है। जहाँ कक्षा दसवीं के छात्रों के सामने ग्यारहवीं में किन विषयों का चयन करना है, वहीं कक्षा बारहवीं के छात्रों के सामने देश के प्रतिष्ठित महाविद्यालयों में दाख़िला पाने की चुनौती होगी। छात्रों के लिए यह दो महीने बहुत महत्वपूर्ण हैं, वे इन दिनों को बेकार ना गवाएँ, वरन अपने व्यक्तित्व सुधार में इन दिनों का सदुपयोग करें। कक्षा बारहवीं के ज़्यादातर छात्र अपने द्वारा चुने गए संकायों के आधार पर ही स्नातक में दाख़िला पाएँगे। ज़्यादातर विश्वविद्यालयों के दाख़िले के फ़ॉर्म इसी दौरान निकलते हैं, छात्र ऐसे में सतर्क रहें और रोज़ अख़बार पढ़े। विज्ञान संकाय वाले जो विद्यार्थी, अप्रैल व मई में एंट्रन्स टेस्ट देंगे वे क...

The Paradox of Nationalism

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Nationalism: a Paradox The nineteenth century world witnessed a turmoil of human emotions. Showing love for one’s own country and keeping it above every other interest became a way of life for people. Soon, it engulfed big European nations like France, Italy, Germany, UK etc. and later in the coming century took the entire world in its purview. Sociologists coined a new term Nationalism to explain this vast phenomenon. This strong feeling of patriotism, allegiance and loyalty to one’s country promoted unity and brought people together across class, colour, creed and gender. French Revolution paved a way for a new thinking and showed the world the power of unity of common people. The concept of sovereignty for a nation soon became a strong pillar for building neo-nations and democracy. Although, philosophers such as Rousseau and Voltaire, whose ideas influenced the French Revolution, had themselves been influenced by the earlier constitutionalist liberation...

The Art of Mindfulness

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The Art of Mindfulness The recent news from UK has buzzed up the entire education sector. Till now the students were learning conventional subjects like mathematics, science, history and language, but hundreds of schools in the island country are planning to expand their age old curriculum boundaries by introducing a new subject called mindfulness. The British Government said on Monday that, at least 370 English school students will start practicing the art of mindfulness as part of their study to improve their mental health. The government news release announces that, “the students will work with mental health experts to learn relaxation techniques, breathing exercises and other methods to help them regulate their emotions”. In the world of rapid change, these programs will work best for the students. Damian Hinds, the British education secretary said, “As a society, we are much open about our mental health than ever before, but the modern world has brought new pressur...