समय का लाभ उठाए छात्र



                                  समय का लाभ उठाए छात्र - मोर

सी॰बी॰एस॰ई॰ एवं हरियाणा बोर्ड की कक्षा दसवीं एवं बारहवीं की परीक्षा लगभग समाप्त हो चुकीं हैं। अब तो छात्रों को परीक्षा परिणाम का बेसब्री से इंतज़ार है। इस बार चुनावों को मद्देनज़र रखते हुए परिणामों के जल्दी ही आने की सम्भावना है। जहाँ कक्षा दसवीं के छात्रों के सामने ग्यारहवीं में किन विषयों का चयन करना है, वहीं कक्षा बारहवीं के छात्रों के सामने देश के प्रतिष्ठित महाविद्यालयों में दाख़िला पाने की चुनौती होगी। छात्रों के लिए यह दो महीने बहुत महत्वपूर्ण हैं, वे इन दिनों को बेकार ना गवाएँ, वरन अपने व्यक्तित्व सुधार में इन दिनों का सदुपयोग करें।

कक्षा बारहवीं के ज़्यादातर छात्र अपने द्वारा चुने गए संकायों के आधार पर ही स्नातक में दाख़िला पाएँगे। ज़्यादातर विश्वविद्यालयों के दाख़िले के फ़ॉर्म इसी दौरान निकलते हैं, छात्र ऐसे में सतर्क रहें और रोज़ अख़बार पढ़े। विज्ञान संकाय वाले जो विद्यार्थी, अप्रैल व मई में एंट्रन्स टेस्ट देंगे वे कक्षा ग्यारहवीं के पाठ्यक्रम को अवश्य दोहरा लें क्योंकि एंजिनीरिंग एवं मेडिकल दोनों में कक्षा ग्यारहवीं के पाठ्यक्रम से आधा प्रशपत्र आता है। कामर्स संकाय वाले विद्यार्थी इन साठ दिनों में सी॰ए॰-सी॰पी॰टी॰ परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं। ये विद्यार्थी इन दिनों में टैली सॉफ़्ट्वेर भी सीख सकते हैं जो आगे जाके इनके बहुत काम आएगा। आर्ट्स संकाय के विद्यार्थी जर्नलिज़म में अपना भविष्य बना सकते हैं। इसके लिए आई॰आई॰एम॰सी॰ सबसे बेहतरीन संस्थान है। याद रहे इस संस्थान के एंट्रन्स टेस्ट में सामान्य ज्ञान भरपूर मात्रा में पूछा जाता है। वहीं वकालत भी एक अच्छा पेशा है, बी॰ए॰एल॰एल॰बी॰ के एंट्रन्स टेस्ट में भी सामान्य ज्ञान एवं अंग्रेज़ी भाषा के प्रश पूछे जाते हैं। छात्र इन दिनों में कम्प्यूटर कोर्सेज़ भी कर सकते हैं, हर छात्र को बुनियादी कम्प्यूटर ज्ञान होना चाहिए यह समय की माँग है। सभी छात्र इस दौरान अपनी अंग्रेज़ी सुधारने का पूर्ण प्रयतन करें, सभी प्रकार के साक्षात्कार में अच्छी अंग्रेज़ी भाषा का ज्ञान आपको तिक्षणता प्रदान करेगा। छात्र पर्सनालिटी डिवेलप्मेंट कोर्सेज़ का भी फ़ाएदा उठा सकते हैं। 

सभी विद्यालयों में कक्षा ग्यारहवीं की पढ़ाई भी अप्रैल माह में शुरू हो जाती है। कक्षा दसवीं के विद्यार्थी अपने विषयों का चुनाव सही से करें। जल्दबाज़ी में कोई फ़ैसला ना लें। दोस्तों एवं अभिवावकों के दबाव में ना आएँ। छात्र कौशल आधारित विषय भी चयन कर सकते हैं। जो विद्यार्थी अपने विषय का सही चुनाव नहीं कर पा रहे हैं, वे सी॰बी॰एस॰ई॰ एवं एन॰सी॰ई॰आर॰टी॰ की वेबसाईट पर दिय गए ऐप्टिटूड टेस्ट का लाभ ले सकते हैं। इसके द्वारा उन्हें अपने ऐप्टिटूड का पता लगाने में मदद मिलेगी। ग़ौरतलब रहे, कक्षा ग्यारहवीं में चुने गए ग़लत विषय ज़िंदगी भर आपको परेशान कर सकते हैं। 

अंत: छात्र इन दिनों को व्यर्थ ना गवाएँ एवं अपने व्यक्तित्व सुधार में इसको लगाएँ।

जगदीप सिंह मोर, शिक्षाविद   

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