फ़रीदाबाद लोकसभाचुनाव हुआ रोमांचक


फ़रीदाबाद लोकसभाचुनाव हुआ रोमांचक

आम चुनाव 2019 महाकुम्भ आरम्भ हो चुका है। हरियाणा राज्य में मतदान की तारीख़ 12 मई निर्धारित की गयी है। चुनावों में अब सिर्फ़ एक महीने से भी कम का समय रह गया है। मतदान की तारीख़ से 48 घंटे पहले आचार संहिता लागू हो जाएगी, जिससे यह साफ़ है कि हर उम्मीदवार को अपना चुनावी जौहर दिखाने के लिय सिर्फ़ 22 दिन शेष हैं। फ़रीदाबाद लोक-सभा निर्वाचन क्षेत्र अपने आप में बहुत बड़ा क्षेत्रफल एवं जनसंख्या समाए हुए है। इसमें नौ विधान-सभाओं - हथीन, होडल, पलवल, पृथला, फ़रीदाबाद-एन॰आई॰टी॰, बढ़कल, बल्लभगढ़, फ़रीदाबाद एवं तिगाओं का समावेश है। फ़रीदाबाद लोक-सभा निर्वाचन क्षेत्र जिसमें दो जिले फ़रीदाबाद (जनसंख्या 15 लाख) एवं पलवल (जनसंख्या 11 लाख) का मिश्रण है। दिल्ली एन॰सी॰आर॰ क्षेत्र में आने के कारण यहाँ का चुनाव और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।                     

जहाँ एक ओर भारतीय जनता पार्टी ने वर्तमान सांसद श्री कृष्णपाल गुर्जर को ही दोबारा अपना उम्मीदवार बनाया है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने श्री ललित नागर पर अपना दाव लगाया है। अब मुक़ाबला बराबरी का ही लग रहा था क्यूँकि दोनों बड़ी पार्टियों के उम्मीदवार गुर्जर समुदाय से हैं, इसलिए मतदाता भी असमंजस में थे और वोट बटना स्वाभाविक था। सांसद श्री कृष्णपाल गुर्जर से इस बार कुछ मतदाता ख़फ़ा भी हैं तो उनको एंटी-इनकमबैंसी का सामना भी करना पड़ सकता है। टिकट वितरण के दौरान गुर्जर के विरोध में जगह-जगह पोस्टर भी लगाए गए थे। श्री ललित नागर का अभी तक जन-मानस में बाहुल्य आधार स्थापित हुआ है इसका भी कोई उदाहरण नहीं है। वहीं दोनों नेता एक ही समुदाय से हैं जिसका असर दोनों के वोट बैंक पर पड़ेगा। फ़रीदाबाद लोक-सभा का इतिहास भी कुछ ऐसा ही दर्शाता है, 1977 में पहली बार गुरुग्राम लोक सभा से अलग हुए नवीन फ़रीदाबाद लोक सभा क्षेत्र में इलेक्शन हुआ, तब से अब तक या तो कांग्रेस या फिर भा॰जा॰पा॰ ने ही इस पर क़ब्ज़ा जमाया है। 

परंतु इंडियन नैशनल लोकदल ने इस चुनाव में अपने उम्मेदवार की घोषणा कर चुनाव को रोमांचक बना दिया। इ॰ने॰लो॰ ने इस बार पलवल निवासी श्री महेन्द्र सिंह चौहान को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। श्री चौहान एक साफ़ छवि वाले कर्मठ नेता हैं। वे पिछले दो दशकों से राजनीति में सक्रिय हैं। इ॰ने॰लो॰ पार्टी के वफ़ादारों में चौहान का क़द शीर्षतम है। पार्टी के बुरे दौर में भी इन्होंने साथ नहीं छोड़ा। नयी बनी ज़॰ज़॰पा॰ ने भरपूर कोशिश करी कि वे उसमें शामिल हो जाए परंतु उन्होंने श्री ओम् प्रकाश चौटाला का साथ छोड़ने से इंकार कर दिया। महेन्द्र चौहान ने कभी भी टिकट की उम्मीदवारी के लिय ताल नहीं ठोकी। हमेशा कहा कि, ‘चौटाला साहब का आदेश सर आँखों पर’। अब पार्टी ने उनको बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपी है, देखना होगा कि वे इसमें कितना सफल होते हैं?

जहाँ भा॰जा॰पा॰ एवं कांग्रेस के उम्मीदवार गुर्जर समाज से हैं वहीं इ॰ने॰लो॰ प्रत्याशी जाट नेता हैं। अगर जाट वोट बैंक एकत्रित हो जाए तो चौहान की जीत संभव लगती है। चौहान खेमे के लोगों ने इस बात पर हर्ष ज़ाहिर किया कि यह पहली बार हुआ है कि फ़रीदाबाद लोक सभा के लिय किसी पलवल निवासी को टिकट मिली है, यह पलवल क्षेत्र के लिय बहुत गर्व की बात है। आज तक या तो किसी फ़रीदाबाद निवासी या फिर पैराशूट से उतारे गए उम्मीदवार ही यहाँ से मैदान में लड़े हैं। ज़॰ज़॰पा॰ – आ॰प॰ गठबंधन के चलते फ़रीदाबाद लोकसभा आम आदमी पार्टी के हिस्से आयी है, हालाँकि अभी तक पार्टी ने अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है, परंतु अटकलों का बाज़ार गरम है कि सन 2009 के सांसद श्री अवतार भड़ाना टिकट की दौड़ में अव्वल चल रहे हैं। अगर भड़ाना को टिकट मिलती है तो यह भी महेन्द्र चौहान के लिय सुअवसर ही साबित होगा, क्यूँकि भड़ाना भी गुर्जर नेता हैं और गुर्जर वोट बैंक में वे भी सेंध ज़रूर लगाएँगे। 

जहाँ इ॰ने॰लो॰ - ज़॰ज़॰पा॰ के विक्षेपण से प्रदेश के पूरे जाट समाज को झटका लगा है, वहीं प्रदेश में अब कोई भी क़द्दावर जाट नेता नहीं है। श्री ओम् प्रकाश चौटाला के गिरते स्वास्थ एवं ढलती उम्र के चलते पार्टी को बहुत नुक़सान झेलना पड़ा है। उनके बाद कोई उनके पदचिह्न भर पाएगा इसकी भी संभावना कम ही है। श्री बीरेंद्र चौधरी कभी भी सम्पूर्ण प्रदेश में अपनी पकड़ नहीं बना पाए, वहीं पूर्व मुख्य मंत्री भूपेन्देर सिंह हुडा भी कुछ कमज़ोर पड़े हैं। वैसे भी राजनीति में दक्षिणी हरियाणा की सदा अवहेलना ही हुई है, यह क्षेत्र कभी भी प्रदेश स्तर का नेता देने में विफल ही रहा है।       

फ़रीदाबाद लोक सभा क्षेत्र में लगभग 900 ग्राम हैं, इन 22 दिनों में सभी उम्मीदवारों के सामने यह चुनौती ज़रूर बनी रहेगी कि इन ग्रामों का दौरा किस प्रकार किया जाए साथ ही शहरी क्षेत्रों का सफ़र भी पूरा करना होगा।    
                                                 
ऐसे में अगर महेन्द्र चौहान फ़रीदाबाद से सांसद बनने में सफल हुए तो यह पलवल जिले के लिए अत्यंत गर्व का विषय होगा। एक ओर जहाँ इस क्षेत्र को देश की संसद में प्रतिनिधित्व मिलेगा वहीं दूसरी ओर एक साफ़ छवि का बिना दाग़दार, कर्मठ, जूझारू, पढ़ा-लिखा नेतृत्व भी प्राप्त होगा। यह पूरे फ़रीदाबाद लोकसभा क्षेत्र एवं सम्पूर्ण दक्षिण हरियाणा के लिए सकारात्मक पहल होगी।

-    जगदीप सिंह मोर, शिक्षाविद    

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