अंतरराष्ट्रीय पिता दिवस पर विशेष/International Father's Day

 


शिव तत्व है पिता

आज 16 जून को समस्त विश्व, अंतर्राष्ट्रीय पिता दिवस (इंटर्नैशनल फादर्स डे) मना रहा है। यह दिवस सभी पिताओं का उनके परिवारों के प्रति समर्पणलगन, मेहनत एवं बलिदान को पहचानने एवं सम्मान देने का अवसर है। आज पिता, दादा एवं पिता तुल्य हर व्यक्ति के प्रति आभार प्रकट करने का सुअवसर है।        

इंटर्नैशनल फादर्स डे का इतिहास भी कुछ कम रोचक नहीं है, विश्व भर में माताओं की मनुष्य जीवन में अनुदान एवं उनकी कड़ी मेहनत को बहुत पहले ही मान्यता मिल गयी थी, इंटर्नैशनल मदर्स डे बहुत पहले ही संसार में स्वीकार्य हो चुका था। पिताओं के महत्व को दर्शाने का वर्ष 1900 तक ऐसा कोई दिन नहीं था। अमेरिका के वॉशिंटॉन शहर में रहने वाली स्पोकैन सोनोरा ने पहली बार 1910 में अपने पिता विल्यम जैक्सन स्मार्ट जो की एक भूतपूर्व सैनिक थे उनके सम्मान में इंटर्नैशनल मदर्स डे की तर्ज पर इंटर्नैशनल फादर्स डे मनाया। गौरतलब है कि विल्यम जैक्सन स्मार्ट ने अपनी पत्नी के देहांत के बाद अपनी छह संतानो का लालन पालन स्वयं किया। इस दिन को ख्याति तब प्राप्त हुई जब तब के अमेरिकी राष्ट्रपति कैल्विन कूलिज ने 1924 में इसकी अधिकारिक पुष्टि करी। तब से हर वर्ष जून के तीसरे रविवार को इस दिन को मनाने का प्रचलन प्रारम्भ हुआ।  

यूँ तो भारत में माता-पिता के महान स्थान को पहचानने के लिए किसी दिन विशेष की ज़रूरत नहीं, मगर फिर भी भारत की सनातन समावेशी संस्कृति विश्व की हर सकारात्मकता को अपने आँचल में जगह दे देती है। आज भारत में फादर्स डे भी खूब उमंग के साथ मनाया जा रहा है। इक्कीसवीं सदी का आधुनिक युवा वर्ग आज के दिन अपने पिता की तस्वीर व्हाट्सएप के स्टेटस पर साझा कर उनके प्रति अपने समर्पण भाव को प्रदर्शित करता है। पिता के प्रति प्रेम एवं सम्मान को विभिन्न आधुनिक माध्यमों द्वारा जैसे केक काटना, गिफ्ट देना इत्यादि से प्रकट किया जा रहा है। 

भारतीय दर्शन के अनुसार पिता शिव तत्व को दर्शाता है। पिता परिवार के लिए हर सर्वोच्च बलिदान देने को सदैव तत्पर रहता है। संतान एवं परिवारजनों के भरण पोषण के लिए हर पिता अपना जीवन खपा देता है। अपने निजी सुख का त्याग कर पिता अपनी संतान के लिए संसाधन जुटाता है। ऐसा करके उसको एक सुखद अनुभव की प्राप्ति होती है, यह अनुभव ही शिव तत्व का पूरक है। जिस प्रकार महादेव शिव ने समुंदर मंथन के दौरान, संसार की समस्त उपयोगी एवं भोग तुल्य वस्तुएं अपनी संतान देव और दानवों को ग्रहण करने दी एवं हलाहल विष स्वयं सहर्ष प्राप्त किया, उसी प्रकार पिता जीवन की हर अच्छी वस्तु अपनी संतान एवं परिवार को मोहिया करवाना चाहता है और विष रूपी हर मुसीबत अपने आप वरन करता है। पिता परिवार की रीढ़ के समान होता है, वह परिवार को संभल एवं प्रज्ञा प्रदान करने वाला होता है। पिता ही अपने बच्चों का पहला दोस्त, आदर्श एवं प्रेरणा स्रोत होता है। हर पिता अपने बच्चों के लिए नायक स्वरूप होता है। निरंतर काम की चक्की में पिसता बाप, सबसे पहले अपने बच्चों के सुख एवं देखभाल का ख़याल करता है, सबकी जरूरतों की पूर्ति के बाद ही वह अपनी ज़रूरतों का आभास करता है।  

घर एवं काम की दोहरी जटिलताओं को झेलता हर पिता, योग्य है कि वर्ष में एक दिन ऐसा हो जब उसके प्रति संतान कृतज्ञ रहे एवं सम्मान व्यक्त करे। हर पिता, दादा एवं पिता तुल्य व्यक्ति को अंतरराष्ट्रीय पिता दिवस (इंटर्नैशनल फादर्स डे) की शुभकामनाएँ। फादर्स डे की शुभकामनाएं उन माताओं को भी जिन्होंने पिता के ना होने पर खुद ही पिता का फ़र्ज़ निभाया और अपने बच्चों को उज्जवल भविष्य प्रदान किया। ऐसी साहसी माताएँ, पिताओं से कम नहीं, जिन्होंने अन्नपूर्णा होते हुए भी शिव तत्व को साकार किया। 

जगदीप सिंह मोर, शिक्षाविद

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