पी.एम. मोदी के दिए मन्त्रों पर अमल करें छात्र : मोर





पी.एम. मोदी के दिए मन्त्रों पर अमल करें छात्र : मोर 
फरवरी आते ही परीक्षाओं का दौर शुरू हो जाता है एवं छात्रों के दिलों की धड़कन बढ़ जाती है | बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्रों की तो मानो रातों की नींद ही गुम हो गयी हो, ज्यों-ज्यों परीक्षा पास आती जा रही हैं, त्यों-त्यों बच्चों के ऊपर दवाब बढ़ता जा रहा है | इसी विषय पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्रों से परीक्षा पर चर्चा की एवं उनको परीक्षा से पहले तनावमुक्त रहने के मन्त्र दिए |  
बोर्ड परीक्षा में विद्यार्थियों के ऊपर सफल होने के साथ-साथ मेरिट सूची में अपनी जगह बनाने का दवाब बना रहता है| फरवरी के आखिरी महिने में छात्र अगर अपनी मेहनत दुगनी कर दें तो वे निसंकोच बोर्ड परीक्षा में बहुत अच्छे अंक प्राप्त करेंगे| विद्यार्थियों को ज़रूरत है योजनाबद्ध तरीके से मेहनत करके आखिरी के इन दिनों का भरपूर फ़ायदा उठाने की| सभी छात्र अपना एक टाइम-टेबल बनाये एवं पाँचों विषयों को बराबर का समय दें| रोज़ कम से कम छः से आठ घंटे ज़रूर पढ़ें| टाइम-टेबल इस प्रकार बना हो जिसमें सात घंटे की नींद का भी पूर्ण प्रावधान हो| पहले हर विषय का आधा सिलेबस अच्छे से पूरा करें, उसे याद करें, फिर बाकी का सिलेबस पूरा करें| छात्र सिर्फ मौखिक रूप से पढ़ने पर निर्भर न रहें, उसे लिख कर सुनिश्चित करें कि जो उन्होंने पढ़ा है वो अच्छे से तैयार भी हुआ है या नहीं? इस तरह पढ़ने से बच्चों का विषय के प्रति डर भी दूर होगा एवं उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा| 
ज्यादातर छात्र कुधारणा का शिकार हो जाते हैंएवं या तो वे निराश हो जाते हैं या फिर सिर्फ तीन मुख्य विषयों पर ही अपना सारा ध्यान केंद्रित करते हैं। छात्र सबसे अधिक इंग्लिश (भाषा) विषय को नज़रंदाज़ करते हैं, उन्हें लगता है कि इंग्लिश तो आसान है आखिरी समय में देख लेंगे। इसी कारण उनकी पर्सेन्टेज कम रह जाती है। अंग्रेजी विषय एक चौथाई अंक समेटे हुए है एवं 12वीं के बाद के लगभग सभी कोर्सेज इसी भाषा में हैं। बारहवीं कक्षा के अंग्रेजी के पेपर पैटर्न में सी.बी.एस.ई. ने कुछ बदलाव किये हैं, छात्र हर विषय में सी.बी.एस.ई. के ब्लू प्रिंट के अनुरूप ही तैयारी करें| विद्यार्थी सी.बी.एस.ई. द्वारा प्रकाशित सैंपल पेपर ज़रूर हल करें। यह सी.बी.एस.ई. की वेबसाइट पर मुफ्त उपलप्ध हैं। सैंपल पेपर निर्धारित समय में ही पूरा हल करनें की कोशिश करें,  जिससे अपनी खामियों का अंदाज़ा लगाया जा सकें। सी.बी.एस.ई. की वेबसाइट पर गत वर्षों के प्रश्न पत्र भी मुफ्त उपलप्ध हैं, सभी विद्यार्थी कम से कम पिछले दस वर्षों के प्रश्न पत्र ज़रूर हल करें|    
दसवीं कक्षा की भी बोर्ड परीक्षा होगी, इस बार उनके सिलेबस में भी सी.बी.एस.ई. ने बदलाव भी किये हैं, पूरी किताब में से ही उनका प्रश्नपत्र बनाया जायेगा| इस आखिरी समय पर बारीकी से की गई पढ़ाई ही मेरिट सूची में बदलाव लाती है| जहाँ कुछ बच्चे रात भर जाग-जाग कर पढ़ रहे हैं वहीँ कुछ छात्र अपने ऊपर परीक्षा का दबाव भी महसूस कर रहे हैं| छात्रों के ऊपर दोस्तों, परिवार, विद्यालय एवं समाज का दवाब हमेशा रहता है जिस कारण कई बार वे घबराहट भी महसूस करने लग जाते हैं| प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी में बच्चों से अपील की है की वो इन परीक्षाओं को एक उत्सव के रूप में स्वीकार करें| जिस प्रकार हम त्यौहार मानते हैं उसी तरह परीक्षा भी त्यौहार ही है, तो क्यूँ ना इनकी तैयारी भी धूम धाम से की जाये| छात्र परीक्षा के परिणाम की बिल्कुल भी चिंता ना करें बल्कि तैयारी में अपना शत प्रतिशत दें|  
इस समय अभिवावकों का उत्तरदायित्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है| अभिवावकगण बच्चों के ऊपर नकारात्मक दबाव बनाने से बचें, उनकी तुलना दुसरे बच्चों से बिल्कुल ना करें| मौसमी बदलाव से भी छात्र अपने को बचाएं, परीक्षा के दिनों में बीमार पड़ना परिणाम पर असर दिखा सकता हैं| 
-       जगदीप सिंह मोर, सी.बी.एस.ई. मास्टर ट्रेनर एवं शिक्षाविद 

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