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Showing posts from 2018

जाति न पूछो साधु की

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जाति न पूछो साधु की भारतीय राजनीति की निम्नस्तरता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चुनाव जीतने के लिए राजनेताओं ने अब भगवान हनुमान को भी राजनीति के दलदल में उतार दिया|   अभी तक तो राजनेता सिर्फ भगवान राम के सहारे चुनाव लड़ा करते थे, परन्तु अब तो उन्होंने भगवान हनुमान को भी नहीं बक्शा| इसकी शुरुवात राजस्थान विधानसभा के चुनाव से हुई जब उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने अलवर के मालपुरा में बी.जे.पी. उम्मीदवार के लिय अपने एक चुनावी भाषण में भगवान हनुमान को दलित, पिछड़ा एवं आदिवासी कह दिया| श्री योगी ने कहा की बजरंगबली हमारी भारतीय परंपरा में ऐसे लोक देवता हैं, जो स्वयं वनवासी हैं, निर्वासी हैं, दलित हैं एवं वंचित हैं| फिर क्या था, एक के बाद एक नेता बिल में से निकलने लगे और बयानबाजी का ताँता लग गया| हाल ही में उत्तर प्रदेश के विधायक परिषद् के नेता श्री बुक्कल नवाब ने भगवान हनुमान के मुसलमान होने का दावा ठोक दिया| उन्होंने कहा, जिस तरह मुसलमानों में नाम रखे जाते हैं जैसे रहमान, रमजान, फरमान, जीशान, कुरबान, सुलतान आदि वो करीब करीब उन्हीं पर रखे जाते ह...

बोर्ड परीक्षा की उलटी गिनती शुरू

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बोर्ड परीक्षा की उलटी गिनती शुरू सी.बी.एस.ई. की कक्षा दसवीं एवं बारहवी की बोर्ड परीक्षा अब निकट आ गयी है, छात्रों ने उलटी गिनती शुरू कर दी   है| परीक्षा में अब केवल दो महीने का समय रह गया है| फरवरी अंत से परीक्षा प्रारंभ हो जायेंगी, सी.बी.एस.ई. के सर्कुलर के अनुसार पहले वोकेशनल विषयों की परीक्षा प्रारंभ होगी फिर मुख्य विषयों के इम्तिहान होंगे| बोर्ड की परीक्षा, छात्रों के लिए अपने साथ बहुत सारा दवाब ले आती है| उनके ऊपर सफल होने के साथ-साथ मेरिट सूची में अपनी जगह बनाने का दवाब बना रहता है| ज्यादातर विद्यालयों में प्री-बोर्ड परीक्षाओं का दौर चल रहा है, जिसके बाद उन्हें सेल्फ स्टडी के लिए फ्री छोड़ दिया जायेगा| दिसम्बर से फरवरी तक का यह समय बहुत महत्वपूर्ण है| छात्र अगर इस समय में अपनी मेहनत दुगनी कर दें तो वे निसंकोच बोर्ड परीक्षा में बहुत अच्छे अंक प्राप्त करेंगे| विद्यार्थियों के ज़रूरत है योजनाबद्ध तरीके से मेहनत करके इन साठ दिनों का भरपूर फ़ायदा उठाने की| सभी छात्र अपना एक टाइम-टेबल बनाये एवं पाँचों विषयों को बराबर का समय दें| रोज़ कम से कम छः से आठ घंटे ज़रूर पढ़ें| टाइ...

Shiksha Mein Ho Swarnprabhas

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(Un)Happy Teachers’ Day

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(Un)Happy Teachers’ Day Had Dr. Radhakrishnan been alive, he would not have celebrated his birthday today. He’d have been aghast seeing the plight of teachers. Wishing all the teachers of the country a ‘ Not so happy teachers’ day ’. The pious occupation of being a teacher is witnessing its record low. Of late, it is the teachers who are at the receiving end. The recent incident of a woman school teacher being beheaded by a class tenth student in Jharkhand came as a shocker to the entire teaching community. He not only beheaded the teacher but ran around the village with chopped head in his hand for hours together. It is the most heinous crime ever done to malign the sanctity of the pious institution of teaching learning. From last some months teaching institutions particularly schools have been in news for all the wrong reasons. A teacher is subjected to everything from abuses to stabbing to taking bullet shots of his pupils. Despite being the most vulnerable and v...

शिक्षक की व्यथा

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शिक्षक की व्यथा    ‘शिक्षा’ शब्द सामने आते ही हमारे ज़हन में अपने प्रिय शिक्षक की तस्वीर बन उठती है। सिर्फ़ तस्वीर ही नहीं उस शिक्षक के साथ बिताए गए सुनहेरे पल भी दिल-ओ-दिमाग़ में ज़िंदा हो उठते हैं। युग युगांतरों से शिष्य अपने हिस्से का सुख छोड़ कर गुरु सेवा को ही अपना अग्रिम धर्म समझता था। गुरु का स्थान तो भगवान से भी ऊपर बताया गया है। यही कारण है कि शिक्षक दिवस का हमारे देश में बहुत महत्व है।     परंतु आज के दौर में गुरूयों को काँटों भरे रास्ते पर सफ़र करना पड़ रहा है। आज बदले हुए ज़माने में शिष्य सम्पूर्ण सुख ले रहा है वरन शिक्षक निंदा का पात्र बना हुआ है। हाल ही में हुई एक घटना ने सम्पूर्ण शिक्षा जगत को झंकझोर कर रख दिया। जमशेदपुर के पास एक गाँव के स्कूल में दसवीं के एक छात्र ने अपनी गणित की शिक्षिका के ऊपर स्कूल परिसर में ही चाक़ू से वार किया, उनका क़त्ल किया एवं शिक्षिका की गर्दन काट, उनका सर हाथ में ले, पूरे गाँव में घुमाया। इससे ज़्यादा विभत्स्यात्मक घटना सम्पूर्ण शिक्षा जगत के लिए कुछ और नहीं हो सकती। विस्मय यह रहा कि मीडिया ने इस घट...

श्रद्धा का महासावन

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श्रवण मास वर्ष का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। संतजन कहते हैं की सावन महीना और भोलेनाथ का संगम उसी तरह है जैसे जल में शीतलता, अग्नि में दाहकता, सूर्य में ताप, चंद्रमा में शीतलता, पुष्प में गंध एवं दुग्ध में घृत। श्रवण मास में सर्वत्र शिवमय हो जाता है, शिव ही परम सत्य हैं, शिव ही अदियोगि हैं एवं शिव ही महादेव हैं। वेदव्यास जी ने स्वयं कहा की - ‘हे प्रभो! आप कानों के बिना सुनते हैं, नाक के बिना सूँघते हैं, बिना पैर के दूर से आते हैं, बिना आँख के देखते हैं और बिना जिव्हा के रस ग्रहण करते हैं, अंत: आपको भलीभाँति कौन जान सकता है?’  मेरी दादी सावन के महीने में शिवमहापुराण का पाठ किया करती थी। वे प्रायः कहती थी कि शिवमहापुराण में लिखा गया है, ‘हे महादेव! आपको न साक्षात् वेद, न विष्णु, न सर्वसृष्टा ब्रह्मा, न योगिंद्र और न तो इंद्रादि देवगण भी जान सकते हैं, केवल भक्त ही आपको जान पाता है।‘ यही कारण है की काँवड़रियों को देवतुल्य माना गया है। मेरे बाल्यकाल से अब तक कांवड़ लाने के तरीक़े में बहुत बदलाव आ गया है। जहाँ पहले केवल पैदल कांवड यात्रा करने वाले ही हुआ करते थे, पग-पग भरते...

Mainstreaming Health and Physical Education

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The Statesman (21 July 2018)                                                         The Millennium Post (21 July 2018) Mainstreaming Health and Physical Education The Central Board of Secondary Education (CBSE) has taken a path-breaking decision for millions of school children by making it mandatory for schools to allocate at least one period daily for Health and Physical Education (HPE) from the current session. The guidelines issued henceforth show the collaboration of HRD Ministry with Sports ministry aiming at producing medal winning sportspersons in the future. It is a welcome step for school students as it will provide them a platform to nurture their talent. The HPE manual issued by the Board integrates games, yoga, physical exercises, life-skills and value education for holistic development of a child. The HPE component...

नवीन शहर या लुहावना स्वप्न

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नवीन शहर या लुहावना स्वप्न हरियाणा प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मनोहरलाल खट्टर ने गत शनिवार एक एतिहासिक घोषणा का एलान किया । मुख्यमंत्री ने प्रदेश में गुरूग्राम के समीप एक नवीन शहर बनाने की घोषणा करी । इस नवीन शहर को लगभग ५०,००० हेक्टेर में बसाया जाएगा। यह शहर चंडीगढ़ से ४ गुना बड़ा एवं गुरूग्राम के दो-तिहाई हिस्से के बराबर होगा। चंडीगढ़ का क्षेत्रफल ११,४०० हेक्टेर व ग़ुरुग्राम ७३,२०० हेक्टेर में बसे शहर हैं। इस नए शहर को पब्लिक-प्राइवट पार्ट्नर्शिप (पी॰पी॰पी॰) मॉडल के तहत तैयार किया जाएगा। हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं बुनियादी ढाँचा विकास निगम (एच॰एस॰आइ॰आइ॰डी॰सी) को इसके मास्टर प्लान तैयार करने की ज़िम्मेवारी सौंपी गयी है, उन्होंने यह बताया कि यह नूतन शहर, उत्तर में ग़ुरुग्राम से लगते हुए पटौदी-मनेसर, उत्तर-पूर्व में अरावली की पहाड़ियों, पश्चिम में राष्ट्रीय राज्यमार्ग ८ तथा दक्षिण में कृषिभूमि ज़मीन पर बसाया जाएगा। मास्टर प्लान बन ने के पश्चात इसके टेंडर जारी किए जाएँगे। यह शहर अत्याधुनिक बुनियादी ढाँचे पर बनाया जाएगा, शहर में मेट्रो, रेल एवं सड़क परिवहन के सभी साधन मौजूद होंगे...