बोर्ड परीक्षा की उलटी गिनती शुरू




बोर्ड परीक्षा की उलटी गिनती शुरू

सी.बी.एस.ई. की कक्षा दसवीं एवं बारहवी की बोर्ड परीक्षा अब निकट आ गयी है, छात्रों ने उलटी गिनती शुरू कर दी  है| परीक्षा में अब केवल दो महीने का समय रह गया है| फरवरी अंत से परीक्षा प्रारंभ हो जायेंगी, सी.बी.एस.ई. के सर्कुलर के अनुसार पहले वोकेशनल विषयों की परीक्षा प्रारंभ होगी फिर मुख्य विषयों के इम्तिहान होंगे|

बोर्ड की परीक्षा, छात्रों के लिए अपने साथ बहुत सारा दवाब ले आती है| उनके ऊपर सफल होने के साथ-साथ मेरिट सूची में अपनी जगह बनाने का दवाब बना रहता है| ज्यादातर विद्यालयों में प्री-बोर्ड परीक्षाओं का दौर चल रहा है, जिसके बाद उन्हें सेल्फ स्टडी के लिए फ्री छोड़ दिया जायेगा| दिसम्बर से फरवरी तक का यह समय बहुत महत्वपूर्ण है| छात्र अगर इस समय में अपनी मेहनत दुगनी कर दें तो वे निसंकोच बोर्ड परीक्षा में बहुत अच्छे अंक प्राप्त करेंगे| विद्यार्थियों के ज़रूरत है योजनाबद्ध तरीके से मेहनत करके इन साठ दिनों का भरपूर फ़ायदा उठाने की| सभी छात्र अपना एक टाइम-टेबल बनाये एवं पाँचों विषयों को बराबर का समय दें| रोज़ कम से कम छः से आठ घंटे ज़रूर पढ़ें| टाइम-टेबल इस प्रकार बना हो जिसमें सात घंटे की नींद का भी पूर्ण प्रावधान हो| छात्र देर रात तक न जग कर सुबह जल्दी उठकर पढने की आदत डालें, सुबह पढ़ा हुआ ज्यादा देर तक याद रहता है| पहले हर विषय का आधा सिलेबस अच्छे से पूरा करें, उसे याद करें, फिर बाकी का सिलेबस पूरा करें| छात्र सिर्फ मौखिक रूप से पढ़ने पर निर्भर न रहें, उसे लिख कर सुनिश्चित करें कि जो उन्होंने पढ़ा है वो अच्छे से तैयार भी हुआ है या नहीं? इस तरह पढने से बच्चों का विषय के प्रति डर भी दूर होगा एवं उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा|

ये ६० दिन छात्रों के लिए करो या मरो वाली स्थिति है। जो बच्चे इन दिनों का सदुपयोग कर लेंगे वे बेहतर रिजल्ट प्राप्त करेंगे। ज्यादातर छात्र कुधारणा का शिकार हो जाते हैं, एवं या तो वे निराश हो जाते हैं या फिर सिर्फ पी.सी.एम., एकाउंट्स   इकोनॉमिक्स पर ही अपना सारा ध्यान केंद्रित करते हैं। छात्र सबसे अधिक इंग्लिश (भाषा) विषय को नज़रंदाज़ करते हैं। सभी को लगता है कि इंग्लिश तो आसान है आखिरी समय में देख लेंगे। इसी कारण उनकी पर्सेन्टेज कम रह जाती है। अंग्रेजी विषय एक चौथाई अंक समेटे हुए है एवं १२वीं के बाद के लगभग सभी कोर्सेज इसी भाषा में हैं।   

बारहवीं कक्षा के अंग्रेजी के पेपर पैटर्न में सी.बी.एस.ई. ने कुछ बदलाव किये हैं, छात्र हर विषय में सी.बी.एस.ई. के ब्लू प्रिंट के अनुरूप ही तैयारी करें| बाज़ार से सैंपल पेपर एवं विषय सामग्री खरीदते समय ये ज़रूर ध्यान दें की कहीं वह पुरानी संरचना पर आधारित तो नहीं? विद्यार्थी सी.बी.एस.ई. द्वारा प्रकाशित सैंपल पेपर ज़रूर हल करें। यह सी.बी.एस.ई. की वेबसाइट पर मुफ्त उपलप्ध हैं। सैंपल पेपर निर्धारित समय में ही पूरा हल करनें की कोशिश करें,  जिससे अपनी खामियों का अंदाज़ा लगाया जा सकें। सी.बी.एस.ई. की वेबसाइट पर गत वर्षों के प्रश्न पत्र भी मुफ्त उपलप्ध हैं, सभी विद्यार्थी कम से कम पिछले दस वर्षों के प्रश्न पत्र ज़रूर हल करें|    

दसवीं कक्षा के लिय इस बार दूसरी बार बोर्ड की परीक्षा होगी, इस बार उनके सिलेबस में भी सी.बी.एस.ई. ने बदलाव भी किये हैं, पूरी किताब में से ही उनका प्रश्नपत्र बनाया जायेगा| जहाँ कक्षा दसवीं का रिजल्ट छात्रों को ग्यारहवीं में अपने पसंद के विषय चुनने का अवसर प्रदान करेगा वहीँ कक्षा बारहवीं का परिणाम छात्रों के स्वर्णिम भविष्य की नीवं रखेगा| सभी छात्र इस समय पूरे जी जान से परीक्षा की तैयारियों में जुटे हुए हैं| इस आखिरी समय पर बारीकी से की गई पढाई ही मेरिट सूची में बदलाव लाती है| जहाँ कुछ बच्चे दिन भर जाग-जाग कर पढ़ रहे हैं वहीँ कुछ छात्र अपने ऊपर परीक्षा का दबाव भी महसूस कर रहे हैं| छात्रों के ऊपर दोस्तों, परिवार, विद्यालय एवं समाज का दवाब हमेशा रहता है जिस कारण कई बार वे घबराहट भी महसूस करने लग जाते हैं| प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी में भी बच्चों से अपील की है की वो इन परीक्षाओं को एक उत्सव के रूप में स्वीकार करें| जिस प्रकार हम त्यौहार मानते हैं उसी तरह परीक्षा भी त्यौहार ही है, तो क्यूँ ना इनकी तैयारी भी धूम धाम से की जाये| छात्र परीक्षा के परिणाम की बिल्कुल भी चिंता ना करें बल्कि तैयारी में अपना शत प्रतिशत दें| 

कुछ समय में लगभग सभी विद्यालय बोर्ड की कक्षाओं के छात्रों को तैयारी के लिए अवकाश दे देंगे| बच्चे पूरा समय घर पर ही रह कर पढाई कर रहे होंगे, ऐसे में अभिवावकों का उत्तरदायित्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है| अभिवावकगण बच्चों के ऊपर नकारात्मक दबाव बनाने से बचें, उनकी तुलना दुसरे बच्चों से बिल्कुल ना करें| मौसमी बदलाव से भी छात्र अपने को बचाएं, परीक्षा के दिनों में बीमार पड़ना परिणाम पर असर दिखा सकता हैं| ‘कर्म करो फल की इच्छा मत करो’ इस समय गीता का यह ज्ञान ही छात्रों की हर दुविधा का सटीक उत्तर है|   
             
-       जगदीप सिंह मोर, सी.बी.एस.ई. मास्टर ट्रेनर एवं शिक्षाविद

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