रिजल्ट का सटीक विश्लेषण करें छात्र
रिजल्ट का सटीक विश्लेषण करें छात्र
सी॰बी॰एस॰ई॰ कक्षा दसवीं एवं बारहवीं का परिणाम घोषित हो गया है| ज्यादातर बच्चों ने अच्छे अंक ला कर सफलता प्राप्त की है| अब एक ओर छात्रों को कक्षा ग्यारहवीं में विषय चयन करने होंगे वहीं दूसरी ओर कॉलेज एडमिशन की दौड़ शुरू होगी| सारे बच्चे जल्द से जल्द अच्छे कॉलेज में दाखिला लेना चाहेंगे| एन॰सी॰आर॰ के बच्चों की पहली पसंद दिल्ली यूनिवर्सिटी ही होती है| जहां पिछले साल तक दिल्ली यूनिवर्सिटी में कट-ऑफ के आधार पर दाखिला दिया जाता था वहीं इस साल से पूरी प्रक्रिया बदल दी गयी है। छात्र इस का बेहद ख़याल रखें, इस वर्ष सी॰यू॰ई॰टी॰ प्रवेश परीक्षा के माध्यम से सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिला दिए जाएँगे।
सी॰यू॰ई॰टी॰ २०२२ दाखिले के फॉर्म भरने की तारीख बीत चुकी है। जिन छात्रों ने प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन नहीं किया है, वे अन्य विश्वविद्यालयों में दाखिला ले सकते हैं। अनेकों विश्वविद्यालयों में अब भी बारहवीं के अंकों के आधार पर ही दाखिला दिए जा रहे हैं। छात्र अक्सर भविष्य के दबाव के चलते कोर्स चयन करने में गलती कर देते हैं| वे अनुभव की कमी के कारण ज्यादातर उन कोर्स की तरफ चले जाते है जिनमें उनके दोस्त एडमिशन ले रहे होते हैं|
बहुत ज़रूरत है कि छात्र अपने रिजल्ट का बारीकी से विश्लेषण करें एवं जिन विषयों में उनको अच्छी सफलता मिली है उन्हीं विषयों में आगे की पढ़ाई करें| स्नातक में सही विषयों का चयन ही करियर में सफलता की कुंजी है| छात्र वोकेशनल कोर्सेज भी चुन सकते हैं| भारत सरकार की 'स्किल इंडिया' स्कीम के तहत हरियाणा कौशल विश्वविद्यालय पलवल ऐसे कोर्सेज को बढ़ावा देती है तथा ये रोजगार की गारंटी भी देती हैं| ऐसा अक्सर देखा जाता है की बच्चे स्नातक के बाद निराश हो जाते है तथा बाद में सब्जेक्ट बदलते है; तब बहुत कष्ट होता है एवं मानसिक व आर्थिक व्यय भी उठाना पड़ता है| जिन विषयों में अच्छे अंक नहीं आये, जो विषय कठिन लगते थे, अथवा जिन विषयों में इंटरेस्ट नहीं था उन्हें बच्चे आगे ले कर ना चलें| ऐसे विषय चुने जिनमें रुचि हो, ऐसा करने पर पढ़ाई सरल एवं आनंददायक होगी|
दिल्ली यूनिवर्सिटी के अलावा भी बहुत से अच्छे विश्वविद्यालय है जिनमें उत्कृष्ट कोर्सेज उपलब्ध हैं जैसे जे॰सी॰बोस॰वाई॰एम॰सी॰ए॰ यूनिवर्सिटी फ़रीदाबाद, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय रोहतक, गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय हिसार, पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़, इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी दिल्ली, जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी दिल्ली, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी इत्यादि| एन॰सी॰आर॰ में बहुत सी डीम्ड यूनिवर्सिटी भी हैं जैसे एम॰आर॰ यूनिवर्सिटी फरीदाबाद, लिंगाया यूनिवर्सिटी फ़रीदाबाद, ओ॰पी॰ जिंदल यूनिवर्सिटी सोनीपत, अशोका यूनिवर्सिटी सोनीपत, एस॰आर॰एम॰ यूनिवर्सिटी सोनीपत, गलगोटिया यूनिवर्सिटी नोएडा, एम॰वी॰एन॰ यूनिवर्सिटी पलवल आदि, जिनमें बहुत से अच्छे कोर्सेज छात्रों को मोहिया कराए जा रहे हैं| छात्र महाविद्यालय/ विश्वविद्यालय चयन करने से पहले भारत सरकार की एन॰आई॰आर॰एफ॰ रेटिंग ज़रूर चेक करें, यह रेटिंग https://www.nirfindia.org पर मुफ़्त उपलब्ध है। छात्र इंडिया टुडे मैगज़ीन का नवीनतम संकलन ज़रूर देखें जिसमें देश के लगभग सभी कॉलेज की रेटिंग उपलब्ध है। एन॰सी॰आर॰ के अनेक छात्र पंजाब की लवली प्रफ़ेशनल यूनिवर्सिटी, डी॰ए॰वी॰आई॰ई॰टी॰ जालंधर, यू॰पी॰ई॰एस॰ देहरादून, ग्राफ़िक एरा यूनिवर्सिटी देहरादून में भी दाख़िला लेने के लिए प्राथमिकता दिखाते हैं। विदेशी यूनिवर्सिटियों में दाखिला लेने वाले छात्र जनवरी सत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिसके लिए उनको IELTS में अनिवार्य बैंड स्कोर लाना होगा।
कोरोना काल के बाद मेडिकल संकाय में बहुत उछाल आया है। अनेक छात्र फ़ार्मसी की पढ़ाई करना चाहते हैं, ऐसे छात्र बेहद सतर्क रहें एवं सिर्फ़ मान्यता प्राप्त कॉलेज में ही दाखिला लें। विज्ञान संकाय में कम्प्यूटर इंजीनियरिंग छात्रों की प्रथम पसंद रही है। वाणिज्य संकाय के छात्र आज-कल डिजिटल मार्केटिंग की तरह बहुत झुकाव देख रहे हैं। कला संकाय के कोर्स में बहुत स्कोप है| छात्र नवीन एवं विविध आयामों वाले विषय चुने जैसे मनोविज्ञान, मॉस कम्युनिकेशन (जर्नलिज्म) एवं समाज-शास्त्र| बी.ए. इंग्लिश ऑनर्स जैसे कोर्सेज बहुआयामी हैं, इसके बाद पोस्ट-ग्रेजुएशन में बहुत से विषय चुनने की छूट मिल जाती है एवं नौकरी मिलने के आसार कई गुणा बढ़ जाते हैं| पाँच वर्ष की लॉ की पढ़ाई भी बच्चों को खूब लुभा रही है।
जिन विद्यार्थियों की कम्पार्टमेंट आयी है, वो निराश न हों| सी.बी.एस.ई. ऐसे विद्यार्थियों को दूसरा मौका देती है| कम्पार्टमेंट की परीक्षा जल्द ही होगी| छात्र इन दिनों को व्यर्थ न करें एवं अपनी गलतियों को सुधारते हुए मेहनत करें| एक सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें व अपना साल ख़राब ना होने दें| कुछ विश्वविद्यालयों में एडमिशन सितम्बर तक चलते हैं, इन बच्चों को भी दाखिला लेने में कोई परेशानी नहीं होगी| फेल विद्यार्थी ओपन स्कूल के माध्यम से अब भी अपनी बारहवीं कर सकते हैं| ऐसा प्रायः देखा गया है कि जो बच्चे किन्हीं कारणों से पढाई में ज्यादा अच्छा नहीं कर सके, वे भी अपनी रूचि के अनुरूप अगर कार्य करें तो भविष्य में सफलता उनके कदम चूम लेती है|
जिन छात्रों का कक्षा दसवीं का रिजल्ट आया है, वे कक्षा ग्यारहवीं में विषय चयन करने में जल्दबाजी न करें। अब तक लगभग दो महीने की पढ़ाई हो भी चुकी है, छात्र देख भी चुके होंगे की जो विषय उन्होंने चुने हैं वह उनको समझ भी आ रहे हैं या नहीं? अगर जरा भी छात्रों को कठिनाई हो रही है और चुनिंदा विषय उनके मन को नहीं भा रहे हैं, तो अभी सही समय है कि छात्र अपने विषय बदल लें। सितम्बर में बोर्ड रजिस्ट्रेशन के बाद विषय बदलना सम्भव नहीं हो पाएगा। छात्र भेड़-चाल का शिकार न हों, एवं अपने कौशल के अनुसार विषयों का चयन करें।
- जगदीप सिंह मोर, शिक्षाविद
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