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Showing posts from September, 2025

Teacher’s Day: A Time to Honour and Rethink the Role of Educators

  Teacher’s Day: A Time to Honour and Rethink the Role of Educators Every year on September 5, India celebrates Teacher’s Day in honour of Dr. Sarvepalli Radhakrishnan, a teacher, philosopher, and former President of India. The day is meant to pay tribute to educators who shape the future of our society. Yet, while speeches and floral tributes abound, the real plight of teachers remains largely ignored. Recently, the Supreme Court of India delivered several verdicts spotlighting this imbalance. In August 2025, the Court forcefully rebuked the Gujarat government for paying contractual assistant professors a paltry ₹30,000 per month—while their ad-hoc and regular peers earned as much as ₹1.2–1.4 lakh for the same duties. The bench declared that symbolic reverence—chanting “guru brahma, guru vishnu…”—meant little if teachers are not compensated fairly. In another ruling, it invoked the principle of “equal pay for equal work,” directing that contractual assistant professors in Gujarat ...

Book Review : The World of Proverbs by Dr. Aneeta Surbhi

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हिन्दी दिवस पर विशेष लेख - "हिन्दी : हमारी पहचान, हमारी शान"

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  हिन्दी  दिवस पर विशेष लेख      "हिन्दी : हमारी पहचान, हमारी शान"   हर वर्ष 14 सितंबर को  हिन्दी  दिवस  मनाया जाता है। यह दिन न केवल भाषा के रूप में हिन्दी के महत्व को रेखांकित करता है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक जड़ों और राष्ट्रीय एकता को भी मज़बूती प्रदान करता है। हिन्दी दिवस केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि यह आत्ममंथन का दिन है—क्या हम वास्तव में अपनी मातृभाषा के साथ न्याय कर पा रहे हैं? 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को  भारत की राजभाषा  के रूप में स्वीकार किया। इसके बाद, 1953 से हर वर्ष...

तर्पण कॉलम के लिए लेख

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  मेरे दादा जी स्व. चौधरी मनफूल सिंह मोर (वकील) मेरे जीवन की सबसे बड़ी प्रेरणा रहे हैं। उनका अनुशासन, परिश्रम और नेकदिल स्वभाव हमेशा मुझे सही राह दिखाते हैं। वे हर मुश्किल समय में धैर्य और आत्मविश्वास बनाए रखने की सीख देते थे। दादा जी कहा करते थे कि सच्चाई, ईमानदारी और शिक्षा से ही जीवन में सम्मान और सफलता मिलती है। उनके विचार आज भी हमारे साथ हैं और हमारा परिवार हर कदम पर उन्हीं के बताए रास्ते पर चलने का प्रयास करता है। उनका प्रेम, स्नेह और मार्गदर्शन हमारे जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है, जो हमें आगे बढ़ने की शक्ति देता है। - जगदीप सिंह मोर, सेक्टर 65 निवासी  

शिक्षक दिवस पर एक प्रतिबिंब — सम्मान, असमानता और न्याय की चाह

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  शिक्षक दिवस पर एक प्रतिबिंब — सम्मान, असमानता और न्याय की चाह 5 सितंबर, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को शिक्षक दिवस के रूप में मनाना हमारे लिए केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि अवसर है यह सोचने का कि क्या वास्तव में हम अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान और उनके अधिकारों के प्रति संवेदनशील हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कई आदेश दिए हैं जो हमारी चर्चा को और सशक्त बनाते हैं: उत्तर प्रदेश में इंचार्ज हेडमास्टर्स का वेतन: सुप्रीम कोर्ट ने 13 अगस्त 2025 को आदेश दिया कि जो शिक्षक प्रधानाध्यापक का कार्यकाल निभाते हैं, उन्हें उसी वेतन और बकाया राशि का भुगतान किया जाए। इससे लगभग 50,000 शिक्षकों को लाभ मिलेगा और उनके वर्षों पुराने बकाया का निदान होगा। बिहार के संबद्ध डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों की सुरक्षा : 31 अगस्त 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनिश्चित किया कि 19 अप्रैल 2007 से पहले नियुक्त शिक्षकों को वेतन और पेंशन मिलना चाहिए—बिना किसी और देरी के। संविदा शिक्षकों की समानता : न्यायालय ने यह जोर देकर कहा कि संविदा शिक्षकों को भी न्यूनतम स्वीकार्य वेतन मान मिलना चाहिए, क्योंकि वे नियमित शिक्षकों...