एन॰ आई॰ आर॰ एफ॰ रैंकिंग में फिसड्डी हरियाणा
हाल ही में नैशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एन॰आई॰आर॰एफ॰) द्वारा उच्च शैक्षिक संस्थानों की रैंकिंग, इंडिया रैंकिंग 2024 के नाम से प्रकाशित हुई। गौरतलब हो की एन॰आई॰आर॰एफ॰ द्वारा हर साल देश के टॉप 100 संस्थानों की सूची प्रकाशित होती है, इसमें विभिन्न कैटेगरी में देश के टॉप 100 महाविद्यालय (कॉलेज) एवं विश्वविद्यालय (यूनिवर्सिटी) शामिल होते हैं जैसे ओवरऑल, इंजीनियरिंग, मेडिकल, लॉ, मैनज्मेंट, फ़ार्मसी, शोध संस्थान, राज्य यूनिवर्सिटी इत्यादि। इन रैंकिंग में हरियाणा राज्य विगत वर्ष के अनुरूप और भी फिसड्डी साबित हुआ। हरियाणा राज्य के उच्च शैक्षिक संस्थानों जैसे महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालयों का रैंकिंग सूची में ना होना राज्य के लिए बेहद शर्म की बात है।
एन॰आई॰आर॰एफ॰ द्वारा प्रकाशित ओवरऑल कैटेगॉरी के टॉप 100 सूची में हरियाणा राज्य का एक भी संस्थान नहीं है। यह बेहद शर्म की बात है। जहां एक ओर हरियाणा राज्य दिल्ली से तीन तरफ से घिरा हुआ है, वहीं इसका लाभ लेने से राज्य बिल्कुल वंचित है। दिल्ली के अनेकों महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय इस रैंकिंग में शीर्ष पर शामिल हैं, परंतु हरियाणा राज्य इस मामले में बिल्कुल फिसड्डी है। विश्वविद्यालय कैटेगॉरी रैंकिंग में हरियाणा के दो विश्वविद्यालय जिसमें महर्षि मारकंडेश्वर (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी) अंबाला 71 वें स्थान पर एवं मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज फरीदाबाद 92 वें स्थान पर हैं। गौरतलब रहे कि यह दोनों निजी (प्राइवेट) संस्थान हैं, इस कैटेगॉरी में एक भी सरकारी विश्वविद्यालय शामिल नहीं हैं।
कॉलेज (महाविद्यालय) कैटेगॉरी में शीर्ष 100 संस्थानों में एक भी संस्थान शामिल नहीं है जो हरियाणा राज्य से हो। रीसर्च इन्स्टिटूट कैटेगॉरी में भी कुछ यही हाल है, इसमें भी हरियाणा राज्य के किसी भी संस्थान का नाम सूची में शामिल नहीं है। इंजीनियरिंग कॉलेज कैटेगॉरी में सिर्फ़ एक संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग कुरुक्षेत्र 81 वें स्थान पर है। इसके अलावा कोई भी इंजीनियरिंग कॉलेज सूची में अपनी जगह नहीं बना पाया। पिछले वर्ष जे॰सी॰बोस॰वाई॰एम॰सी॰ए॰ फ़रीदाबाद इस सूची में शामिल था परंतु इस वर्ष यह भी फिसड्डी साबित हुआ एवं इस वर्ष सूची से ही बाहर हो गया। विधि (लॉ) संस्थानों की सूची में हरियाणा से सिर्फ़ एकमात्र संस्थान ही अपनी जगह बना पाया है, यह है एमिटी यूनिवर्सिटी गुरुग्राम, यह सूची में ३३ स्थान पर है। यह भी एक निजी संस्थान है, यहाँ भी कोई सरकारी संस्थान कामयाब नहीं हो सका। आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग कैटेगॉरी में हरियाणा से एक भी संस्थान नहीं है। इनोवेशन कैटेगॉरी में भी राज्य से कोई संस्थान नहीं है।
राहत की खबर स्किल यूनिवर्सिटी के क्षेत्र में रही जहां श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय पलवल ने तीन संस्थानों की श्रेणी में दूसरा स्थान प्राप्त किया। फ़ार्मसी कैटेगॉरी में हरियाणा के 4 संस्थान टॉप 100 में अपनी जगह बना पाए, जिसमें महर्षि मारकंडेश्वर (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी) अंबाला 26 वें स्थान पर, महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी रोहतक 38 वें स्थान पर, गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइयन्स एंड टेक्नॉलजी हिसार 55 वें स्थान एवं कॉलेज ऑफ फार्मेसी पंडित भगवत दयाल शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस रोहतक 100 वें स्थान पर रही। मैनज्मेंट कैटेगॉरी में एम॰डी॰आई॰ गुरुग्राम 11 वें स्थान पर, आई॰आई॰एम॰ रोहतक 12 वें स्थान पर, ग्रेट लेक्स इन्स्टिटूट आफ़ मैनज्मेंट गुरुग्राम 35 वें स्थान पर एवं बी॰एम॰एल॰ मुंजाल यूनिवर्सिटी गुरुग्राम 83 वें स्थान पर रहे।
मेडिकल संस्थान कैटेगॉरी में मात्र 2 संस्थान ही सूची में अपनी जगह बना पाए यह है महर्षि मारकंडेश्वर (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी) अंबाला 35 वें स्थान पर एवं पंडित भगवत दयाल शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस रोहतक 50 वें स्थान पर। डेंटल संस्थान कैटेगॉरी में प्रदेश के 2 संस्थान शामिल हुए – पोस्ट ग्रेजुएट इन्सटियूट ऑफ़ डेंटल साइयन्स रोहतक 23 वें स्थान पर एवं मानव रचना इन्स्टिटूट ऑफ़ रिसर्च एंड स्टडीज फ़रीदाबाद 38 वें स्थान पर।
एग्रीकल्चर एंड एलाइड सेक्टर कैटेगॉरी में राज्य ने उत्कृष्ट परिणाम पाए इसमें आई॰सी॰ए॰आर॰ नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट करनाल द्वितीय स्थान पर रहा, चौधरी चरण सिंह हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी हिसार 7वें स्थान पर, नैशनल इन्स्टिटूट ऑफ़ फ़ूड टेक्नॉलजी, एंटेरप्रेनौरशिप एंड मैनज्मेंट सोनीपत 21 वें स्थान पर तथा लाला लाजपत राय यूनिवर्सिटी ऑफ़ वेटरनरी एंड एनिमल साइयन्स हिसार 34 वें स्थान पर रहे।
स्टेट यूनिवर्सिटी कैटेगॉरी में हरियाणा की चार यूनिवर्सिटी अपना स्थान बना पाई, जिसमें महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी रोहतक 35 वें स्थान पर, कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी 41 वें स्थान पर, गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी ऑफ साइयन्स एंड टेक्नॉलजी हिसार 47 वें स्थान पर एवं चौधरी चरण सिंह हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी हिसार 48 वें स्थान पर रहीं।
जिस प्रदेश में सत्ता पर दस साल एकमुश्त एक ही पार्टी की सरकार ने राज किया हो एवं डबल इंजन की सरकार होने का दम भरा हो वहाँ उच्च शिक्षण संस्थानों का अपनी ही सरकार द्वारा की गयी रैंकिंग में फिसड्डी रहना दुर्भाग्य की बात है। जहां एक ओर हरियाणा राज्य को नम्बर वन राज्य बनने की बात करते हो वहाँ ये कैसे सम्भव है की कोई राज्य बिना गुणवत्ता की शिक्षा के नम्बर वन हो जाए?
हरियाणा में 61 विश्वविद्यालय कार्यरत हैं (जिसमें 8 सेंट्रल यूनिवर्सिटी, एक एम्स, 2 जनरल यूनिवर्सिटी एवं एक डीम्ड यूनिवर्सिटी है)। 22 स्टेट यूनिवर्सिटी, 2 पब्लिक यूनिवर्सिटी, 8 डीम्ड यूनिवर्सिटी और 21 प्राइवेट यूनिवर्सिटी हैं। 18 सरकारी संस्थान (विश्वविद्यालय) ऐसे हैं जो इंजीनियरिंग की डिग्री प्रदान कर रहे हैं जिनसे सैकड़ों कॉलेज एफिलिएटेड हैं। ऐसे में ओवरऑल रैंकिंग में एक भी संस्थान/कॉलेज का ना होना प्रदेश के लिए बेहद खेद की बात है। थोड़ा बहुत मुँह दिखाने लायक़ काम सिर्फ़ निजी विश्वविद्यालयों ने किया है वरना सरकारी संस्थान तो रैंकिंग सूची से नदारत ही दिखे।
आने वाले महीनों में प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में उच्च शिक्षा भी एक अहम मुद्दा होना चाहिए जिससे प्रदेश की छवि सुधर सके एवं विद्यार्थियों का जीवन सुगम हो सके।
- जगदीप सिंह मोर, शिक्षाविद
(यह लेखक के निजी विचार हैं।)
Comments
Post a Comment