सच्चिदानंद है सनातन
सच्चिदानंद है सनातन आजादी के इस अमृत काल में जहां भारत एक ओर चाँद की ऊँचाइयों को छू रहा है वहीं दूसरी तरफ़ कुछ लोग भारत की अखंड विरासत एवं संस्कृति ‘सनातन’ को ही मिटाने की बात कर रहे हैं। पूरे विश्व में सिर्फ़ सनातन ही वो सभ्यता है जो अब तक जीवित है बाक़ी सभी पुरातन सभ्यताएँ तो धरातल के गर्भ में कबकि समा चुकीं हैं। अनंत काल से इस सभ्यता को बाहरी एवं भीतरी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। आज भी वही चुनौतियाँ ज़िंदा है, एक तरफ़ जहां हमारे पड़ोसी मुल्क इस देश के टुकड़े होते देखने का सपना बुनते हैं वहीं श्री स्टालिन उनके पुत्र श्री उदयगिरि उनके मंत्री श्री ए॰ राजा द्वारा सनातन के खात्मे के लिए दिए बयान कुछ ऐसी ही चिंताजनक बातें हैं। जो लोग सनातन को जानते ही नहीं वे ही ऐसी बचकानी बातें कर सकते हैं, यह उतना ही हास्यास्पद है जैसे विज्ञान को ना जानने वाला व्यक्ति नैनो तकनीक और नैनो कार का भेद नहीं समझ पता। जबसे यह बयान आया है तब से देश को प्यार करने वाले हर व्यक्ति ने अपनी नाराज़गी मुखर स्वर में दर्ज करवाई है। पंत एवं सम्प्रदाय विशेष को जानने के लिए उसके कर्म कांड को जान लो तो काम चल