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Showing posts from September, 2021

सी.बी.एस.ई. बोर्ड परीक्षा निकट

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सी.बी.एस.ई. बोर्ड परीक्षा निकट  कोरोना महामारी ने पिछले दो सालों से पूरी दुनिया को अपना ग्रास बनाया हुआ है। यह कहना कोई अतिशियोक्ति नहीं होगा कि सम्पूर्ण जगत में अगर इस महामारी ने किसी को सबसे ज़्यादा प्रभावित किया है, तो वह है शिक्षा का क्षेत्र। पिछले दो वर्षों में स्कूली शिक्षा ने बहुत कुछ खोया है एवं अनेकों नवीन प्रयोग भी किए हैं। जहाँ ऑनलाइन शिक्षा पद्दती अब न्यू नॉर्मल हो चली है वहीं परीक्षा के स्वरूप में भी कई बदलाव किए गए हैं। इसी का उदाहरण है सी.बी.एस.ई. द्वारा 5 जुलाई 2021 को जारी किया सर्कुलर – ‘Acad-51/2021’ के अनुसार निर्धारित की ‘टर्म परीक्षाएँ’। इस साल कक्षा दसवीं एवं बारहवीं कि बोर्ड परीक्षाएँ दो भागों में ली जाएँगी – प्रथम अवधि नवम्बर में तथा द्वितीय अवधि परीक्षा मार्च महीने में।  पाठ्यक्रम को दो बराबर भागों में बाँटा गया, पहले भाग (आधे पाठ्यक्रम) की परीक्षा नवम्बर महीने में ली जाएगी। यह परीक्षा पुराने सब्जेक्टिव बोर्ड प्रश्नपत्र के बिलकुल विपरीत बहु विकल्पीय प्रश्नपत्र के रूप में ली जाएगी। हर विषय का प्रश्नपत्र मल्टिपल चॉईस क्वेस्चन (एम॰ सी॰क्यू॰) आधारित होगा।...

Poem for my Son

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In Remembrance of my Grandfather

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बिन शिक्षक सब सून

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बिन शिक्षक सब सून सम्पूर्ण भारतवर्ष ने कुछ दिन पूर्व शिक्षक दिवस मनाया ,  हर व्यक्ति ने अपने-अपने शिक्षकों को याद किया एवं व्हाट्सएप ,  ट्विटर तथा फेसबुक पर ढेरों मेसेज का ताँता लगा रहा। किंतु हमें अपने आप से एक प्रश्न पूछना चाहिए कि हम सब भारतवासी क्या सच में शिक्षकों को उनका उचित सम्मान देते हैं या ये सिर्फ़ सोशल मीडिया के दिखावे भर रह गया है ?  कोरोना महामारी के इन दो सालों ने हमारे शिक्षा जगत की नींव हिला कर रख दी। जहां एक ओर हर किसी ने बच्चों के भविष्य को ले कर खूब चिन्ताएँ दिखायीं एवं आने वाले समय के आलेखन पर खूब रेखाएँ खींची वहीं किसी ने भी प्रखर स्वर में शिक्षकों के भविष्य को लेकर चिंता नहीं दिखायी ,  ना ही इन दो वर्षों में शिक्षकों की जीविका किस प्रकार चली इस पर किसी का ध्यान गया। बुद्धिजीवियों ने बच्चों के मनोवैज्ञानिक स्तर का मूल्यांकन बखूबी किया पर शिक्षकों के मनोविज्ञान पर हर जगह अपने नेत्र मूँद लिए।   दो दशकों का अनुभव समेटे प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक श्री विकास अत्रि कहते है: ज़रा बीते दो वर्षों पर नज़र डाल कर देखा जाए तो पता चले कि शिक्षक ने अपने आप क...