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Showing posts from May, 2018

रिजल्ट का बारीकी से विश्लेषण करें

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कोर्स चयन करने में जल्दबाज़ी ना करें छात्र  कल सीबीएसई कक्षा 12वीं का परिणाम घोषित हुआ | ज्यादातर बच्चों ने अच्छे अंक ला कर सफलता प्राप्त की | अब कॉलेज एडमिशन की दौड़ शुरू हो गयी है | सारे बच्चे जल्द से जल्द अच्छे कॉलेज में दाखिला लेना चाहते हैं | एनसीआर के बच्चों की पहली पसंद दिल्ली यूनिवर्सिटी ही होती है | साल दर साल दिल्ली यूनिवर्सिटी की कट-ऑफ आसमान छूती जा रही है | नार्थ कैंपस के महाविद्यालयों में जगह पाना हर छात्र का सपना होता है | इसी दौड़ के चलते अक्सर बच्चे कोर्स चुनने में गलती कर देते हैं | छात्र अनुभव की कमी के कारण ज्यादातर उन कोर्सेज की तरफ़ चले जाते है जिनमें उनके दोस्त एडमिशन ले रहे होते हैं |  बहुत ज़रूरत है कि छात्र अपने रिजल्ट का बारीकी से विश्लेषण करें एवं जिन विषयों में उनको अच्छी सफलता मिली है उन्हीं विषयों में आगे कि पढ़ाई करें | स्नातक में सही विषयों का चयन ही करियर में सफलता की कुंजी है | छात्र वोकेशनल कोर्सेज भी चुन सकते हैं | भारत सरकार की 'स्किल इंडिया' स्कीम के तहत हरियाणा कौशल यूनिवर्सिटी पलवल ऐसे कोर्सेज को बढ़ावा देती है तथा ये रोज़गार की

'Change in the Election System'

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चुनावी बदलाव : समय की मांग भारत जब आज़ाद हुआ तो हमारे सामने विकल्प खुले थे कि हम राजशाही को अपनाये या लोकतंत्र को | लोकतंत्र में भी हमारे सामने अमेरिका की तरह राष्ट्रपति शासन अपितु ब्रिटेन की तरह प्रधान मंत्री शासन दोनों विकल्प उपलप्ध थे | संविधान को बनाने वाले इतने प्रबल दार्शनिक थे कि उन्होंने एक ऐसे शशक्त संविधान की रचना की जिसमें पूरे संसार की राजनीतिक खूबियों का समावेश किया | उन्होंने भारत के लिए संघीय लोकतंत्र का एक ठोस ढ़ाचा तैयार किया | संविधान को एक लिखित स्वरुप दिया गया जिसके हर अनुच्छेद पर उचित बहस के बाद बारिकी से गढ़ा गया | संविधानिक पदों की क्षमताओं की व्यापक व्याख्या करी गयी | संविधानिक द्वन्द होने पर नैतिकता एवं विवेक के आधार पर फैसला लेने का विकल्प रखा गया | शायद यहाँ ही संविधान के रचनाकारों से सबसे बड़ी भूल हो गयी की उन्होंने आज के नेताओं से नैतिकता की उम्मीद रख ली | आज वो महान लोग अगर कहीं से अपने इस सपनों के भारत को देखते होंगे तो उनका दिल बहुत दुःख पाता होगा |  उचित समय आ गया है की भारत के संविधान में शंशोधन किये जाएँ | हमारी चुनाव प्रणाली यह चीख

Disaster Mismanagement

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Disaster (Mis)management The recent thunderstorm has taken the country to a standstill. The sheer chaos made by dust storm, rain, hails and wind is colossal. May 2 and May 13 saw the biggest damage. These thunderstorms took about three hundred lives and injured thousands. Hundreds of vehicles got damaged and numerous trees got uprooted. Property worth millions has been damaged due to these natural calamities. This shows our poor state of preparedness. As rightly said, ‘If you fail to prepare, you prepare to fail’. Our country has no mechanism to fight with these disasters. We have surrendered before strong winds, and the administration remained mute spectator of the damage. Road traffic went berserk while telephone and electricity infrastructure remained paralyzed for days. Railway, metro and airport services remained halted for hours together keeping the country on its knees. This happens just because of strong winds

समय बड़ा बलवान - A Story by me

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समय बड़ा बलवान उत्तरप्रदेश के एक छोटे से कसबे कर्नलगंज के एक मद्धमवर्गी परिवार में जन्मा नवदीप, जन्म से ही होनहार छात्र था | उसने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की व मुंबई की एक प्रसिद्ध कंपनी में नौकरी पायी | परिवार में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी और नवदीप भी अपनी सपनों की दुनिया बुनने में लग गया | परिवार में पिता जी, माँ व छोटी बहन थे, ढेर सारी खुशियाँ थी बस पैसे थोड़े कम रहते थे | नवदीप ने बचपन से पैसों का आभाव देखा था | मुंबई में नवदीप की मुलाकात भक्ति से हुई, भक्ति भी नवदीप के शहर की ही थी और टाटा कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजिनियर के पद पर आसीन थी | नवयुगल में प्रेम पनपा और दोनों में नजदीकियां भी बढ़ने लगी, अब तो रोज़ का मिलना-जुलना आम हो चला | भक्ति शहर के प्रसिद्ध सर्राफ की बेटी थी, उनका परिवार अभी भी रुढ़िवादी बेड़ियों में बंधा हुआ था वहीँ नवदीप क्षत्रिय जाती से था व उसका परिवार खुले विचारों का था | नवदीप का घर भी पुराना ही था, भक्ति महलों में पली-बढ़ी लाडली थी | मुंबई में रहते हुए करीब देढ़ वर्ष ही हुआ था की किस्मत ने अपना फेर दिखाया ओर अक्समात ही नवदीप के पिता जी चल बसे | परिवार की ख