साहिब बीबी और ग़ुलाम
साहिब बीबी और ग़ुलाम सन 1962 में आई महान अभिनेता-निर्माता गुरुदत्त की प्रसिद्ध हिंदी फिल्म साहिब बीबी और ग़ुलाम किसी परिचय की मोहताज नहीं। फिल्म के सभी किरदार मानो पर्दे पर अभिनय नहीं करते बल्कि असल ज़िंदगी के पात्र हों ऐसा प्रतीत होते हैं , छोटी बहू के रूप में मीना कुमारी तो हिंदी फिल्म इतिहास में अमर ही हो गई। इस फ़िल्म और इसके संवादों को कालांतर में ना जाने कितने रूपकों में गढ़ा गया। आज , दुनिया बहुत बदल चुकी है , किंतु फिर भी यह फ़िल्म सत्य ही प्रतीत होती है। आज के कम्युनिस्ट चीन के हालात को देखा जाए तो यह फिल्म उस पर एक सफल व्यंग साबित होती है। डी॰के॰ सप्रू द्वारा निभाया गया पात्र चौधरी साहिब , चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर बखूबी फिट बैठता है। इस समय जिनपिंग महोदय , मंझले चौधरी जैसे तानाशाह बने हुए है जिन्हें पूरी दुनिया को अपने कब्जे में करना है। जिस प्रकार फ़िल्म में बड़े चौधरी का किरदार नहीं दिखाया गया है , इसे दर्शकों के विवेक पर छोड़ दिया गया की जब मंझले और छ...