बाल दिवस की चेतावनी: मासूमियत के बीच उभरती हिंसा की छाया
बाल दिवस विशेषांक बाल दिवस की चेतावनी: मासूमियत के बीच उभरती हिंसा की छाया बाल दिवस का उद्देश्य होता है बच्चों की सुरक्षा , उनकी सही परवरिश , शिक्षा , स्वास्थ्य और उनके समग्र जीवन को संवेदनशील तरीके से देखा जाना। बच्चों में सिर्फ पढ़ाई-लिखाई ही नहीं बल्कि नैतिकता , सामाजिक योग्यता और साझा जिम्मेदारी की भावना विकसित करना भी उतना ही आवश्यक है। आज के युग में जहाँ तकनीक , सोशल-मीडिया , प्रतिस्पर्धा और पढ़ाई का दबाव बच्चों पर लगातार बढ़ रहा है , वहाँ हमें यह देखना होगा कि बच्चे सिर्फ उचित देखभाल से नहीं बल्कि एक सुरक्षित और सकारात्मक वातावरण में उभर रहें हों। हाल ही में आयी ओ.टी.टी. सीरीज एडोलिसेंस ने बहुत सुर्खियां बटोरी। यह ब्रिटेन के एक तेरह वर्षीय किशोर की कहानी पर आधारित थी , किशोर की नाजुक ज़िंदगी में क्या चल रहा था-व्यस्त माँ-बाप को इसका बिल्कुल भी अंदाजा नहीं होता। अंततः किशोर एक भयावह अपराध को अंजाम दे देता है और उसको पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाता है। माँ बाप के लिए मानो पैरों तले जमीन ही खिसक जाती है। जिसने भी इस फिल्म को देखा वह भौचक्का रह गया , उस समय सबने माना की यह सब प...